जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म

by Ankush Choubey 4 years ago Views 733

जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने विदेशी राजनयिकों का एक डेलिगेशन घाटी में भेजा है जो घाटी में ज़मीनी हालात का जायज़ा लेगा. इस डेलिगेशन में अमेरिका के अलावा अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देश भी शामिल हैं.

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा पांच महीने पहले 5 अगस्त को ख़त्म किया था. अब पांच महीने बाद केंद्र सरकार विदेशी राजनयिकों को घाटी में ज़मीनी हालात दिखाने लाई है. इस डेलिगेशन में अमेरिका के अलावा दक्षिण एशियाई देशों के अलावा लैटिन अमेरिका और अफ्रीका के राजनयिक शामिल है लेकिन यूरोपीय यूनियन के राजनयिकों ने यहां जाने से इनकार कर दिया. यूरोपियन यूनियन के नुमाइंदों ने साफ़ कहा कि वे भारत सरकार के गाइडेड टूअर का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं. यूरोपीय यूनियन के नुमाइंदों ने यह भी कहा कि वे जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक़ अब्दुल्लाह, ओमर अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ़्ती समेत स्थानीय लोगों से ख़ुद मुलाकात बात करना चाहते हैं।


जिन देशों के नुमाइंदे इस डेलिगेशन में शामिल हैं, उनमें अमेरिका, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, उज़्बेकिस्तान, गयाना, ब्राजील, नाइजीरिया, नाइजर, फिलीपींस, अर्जेंटीना, नॉर्वे, मोरक्को, मालदीव, फिजी, टोगो, बांग्लादेश और पेरू हैं. चूंकि यह डेलिगेशन केंद्र सरकार की ओर से भेजा गया है तो इन्हें अपनी मर्ज़ी से घूमने या लोगों से बातचीत की इजाज़त नहीं होगी.

इससे पहले अक्टूबर में यूरोपीय देशों के 27 सांसदों को एक एनजीओ की मदद से कश्मीर ले जाया गया था जिसपर उनकी तीखी आलोचना हुई थी. पांच महीना गुज़र जाने के बावजूद घाटी में हालात में सुधार नहीं हो रहा है. यहां इंटरनेट पर पाबंदी जारी है और आए दिन श्रीनगर में ग्रेनेड से हमले हो रहे हैं….

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