केरल: ऑनलाइन क्लास नहीं ले पाने से परेशान नौवीं की स्टूडेंट ने ख़ुदकुशी की
ऑनलाइन क्लासेज़ नहीं ले पाने से परेशान केरल के मलप्पुरम की एक स्टूडेंट ने ख़ुदकुशी कर ली. नौवीं क्लास की स्टूडेंट देविका के घर में इंटरनेट सुविधा नहीं थी और टेलीविज़न भी ख़राब हो गया था. मलप्पुरम के एसपी यू अब्दुल करीम ने कहा कि परिवार की माली हालत ठीक नहीं है और पूरे मामले की तफ़्तीश जारी है.
राज्य के शिक्षा मंत्री सी. रवींद्रनाथ ने इस हादसे पर शोक ज़ाहिर करते हुए मलप्पुरम के अफ़सरों से रिपोर्ट तलब की है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी बच्चा ऑनलाइन क्लासेज़ से वंचित ना रह जाए. उन्होंने कहा कि घबराने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि वर्चुअल क्लासेज़ को हर वीकेंड पर दोबारा टेलीकास्ट किया जाएगा और उस क्लास को अगले हफ्ते फिर दिखाया जाएगा.
वीडियो देखिए 14 साल की देविका की लाश उसके घर के आंगन में मिली. उसकी लाश के नज़दीक केरोसीन तेल की एक बोतल पड़ी थी. एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसपर लिखा है, ‘मैं जा रही हूं.’ देविका के घरवालों ने कहा कि देविका को पड़ोसी के घर जाकर वर्चुअल क्लास से जुड़ने के लिए कहा था लेकिन टीवी ख़राब होने से वो परेशान थी. अभी तक राज्य सरकार ने यह आंकड़ा जमा नहीं किया है कि राज्य में कितने बच्चे ऑनलाइन क्लासेज़ नहीं ले पा रहे हैं. मगर समग्र शिक्षा केरल का एक सर्वे बताता है कि तक़रीबन ढाई लाख बच्चे ऑनलाइन क्लासेज़ का हिस्सा बनने से वंचित हैं. यह संख्या और बढ़ सकती है. वहीं राज्य सरकार का कहना है कि वो क्लास टीचर्स के ज़रिए ऑनलाइन क्लासेज़ नहीं ले पाने वाले बच्चों का आंकड़ा जुटा रही है. इन बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. केरल की विजयन सरकार स्थानीय पुस्तकालयों में टीवी, कंप्यूटर और स्मार्टफोंस का इंतज़ाम करवा रही है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा बच्चे वर्चुअल क्लास का हिस्सा बन सकें. कोरोना महामारी के दौर में देशभर में स्कूल, कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं लेकिन बच्चों का करियर प्रभावित ना हो, इसलिए राज्य सरकारें ऑनलाइन क्लासेज़ का इंतज़ाम कर रही हैं. मगर देविका की ख़ुदकुशी बताती है कि जब देश के सबसे संपन्न राज्य केरल में ऐसा हादसा हो सकता है तो फिर दूसरे राज्य का जाने क्या हाल होगा.
वीडियो देखिए 14 साल की देविका की लाश उसके घर के आंगन में मिली. उसकी लाश के नज़दीक केरोसीन तेल की एक बोतल पड़ी थी. एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसपर लिखा है, ‘मैं जा रही हूं.’ देविका के घरवालों ने कहा कि देविका को पड़ोसी के घर जाकर वर्चुअल क्लास से जुड़ने के लिए कहा था लेकिन टीवी ख़राब होने से वो परेशान थी. अभी तक राज्य सरकार ने यह आंकड़ा जमा नहीं किया है कि राज्य में कितने बच्चे ऑनलाइन क्लासेज़ नहीं ले पा रहे हैं. मगर समग्र शिक्षा केरल का एक सर्वे बताता है कि तक़रीबन ढाई लाख बच्चे ऑनलाइन क्लासेज़ का हिस्सा बनने से वंचित हैं. यह संख्या और बढ़ सकती है. वहीं राज्य सरकार का कहना है कि वो क्लास टीचर्स के ज़रिए ऑनलाइन क्लासेज़ नहीं ले पाने वाले बच्चों का आंकड़ा जुटा रही है. इन बच्चों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. केरल की विजयन सरकार स्थानीय पुस्तकालयों में टीवी, कंप्यूटर और स्मार्टफोंस का इंतज़ाम करवा रही है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा बच्चे वर्चुअल क्लास का हिस्सा बन सकें. कोरोना महामारी के दौर में देशभर में स्कूल, कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं लेकिन बच्चों का करियर प्रभावित ना हो, इसलिए राज्य सरकारें ऑनलाइन क्लासेज़ का इंतज़ाम कर रही हैं. मगर देविका की ख़ुदकुशी बताती है कि जब देश के सबसे संपन्न राज्य केरल में ऐसा हादसा हो सकता है तो फिर दूसरे राज्य का जाने क्या हाल होगा.
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