'कोरोना की चपेट में आ सकते हैं देश के 23 लाख से ज़्यादा लोग'
जुलाई के मध्य तक कोरोना की चपेट में आ सकते हैं देश के 23 लाख लोग
कोरोनावायरस की बढ़ती महामारी के बीच विश्व स्वास्थ संगठन ने आगाह किया है कि कोई भी महामारी चरणबद्ध तरीक़े से फैलता है। इस हिसाब से दुनिया अभी कोरोना की पहली लहर के बीच में है और दूसरी लहर आना अभी बाक़ी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ फिलहाल यह साफ नहीं है कि कोरोनावायरस की सेकंड वेव कब दस्तक देगी. यह कभी भी आ सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया को चेतावनी दी है कि कोरोनावायरस की सेकेंड वेव ज़्यादा ख़तरनाक हो सकती है. लिहाज़ा, सभी देशों को अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर दुरुस्त करने के लिए कहा गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 30 अप्रैल तक देश में कोरोना के 34,865 मामलों का पता चला था लेकिन मई में रियायतों के साथ लॉकडाउन बढ़ाने के दौरान संक्रमण में भारी उछाल आया. 1 मई को कोरोना के तकरीबन 37,900 मामले थे लेकिन 12 मई तक 74,300 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके थे. यानी 13 दिन में मामले दोगुना हो गए. वहीं पिछले 27 दिनों में तकरीबन एक लाख 15 हज़ार कोरोना के मरीज़ मिले हैं. फिलहाल 1 लाख 51 हज़ार से ज़्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. अगर यह ट्रेंड इसी तरह आगे बढ़ता रहा तो जुलाई के मध्य तक देशभर में 23,29,000 से ज़्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ सकते हैं. इनमें 65 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत की आशंका भी है. जुलाई के मध्य तक एक लाख 87 हज़ार 899 मरीज़ों को आईसीयू में भर्ती करने की ज़रूरत पड़ सकती है जबकि देश में कुल आईसीयू बेड की संख्या महज़ 94,961 है. 135 करोड़ की आबादी वाले देश में महज़ 47,481 वेंटिलेटर मौजूद हैं. अगर अनुमान सही साबित हुए तो कोरोना की महामारी आने वाला वक़्त में बड़ी विपदा बन जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 30 अप्रैल तक देश में कोरोना के 34,865 मामलों का पता चला था लेकिन मई में रियायतों के साथ लॉकडाउन बढ़ाने के दौरान संक्रमण में भारी उछाल आया. 1 मई को कोरोना के तकरीबन 37,900 मामले थे लेकिन 12 मई तक 74,300 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके थे. यानी 13 दिन में मामले दोगुना हो गए. वहीं पिछले 27 दिनों में तकरीबन एक लाख 15 हज़ार कोरोना के मरीज़ मिले हैं. फिलहाल 1 लाख 51 हज़ार से ज़्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. अगर यह ट्रेंड इसी तरह आगे बढ़ता रहा तो जुलाई के मध्य तक देशभर में 23,29,000 से ज़्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ सकते हैं. इनमें 65 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत की आशंका भी है. जुलाई के मध्य तक एक लाख 87 हज़ार 899 मरीज़ों को आईसीयू में भर्ती करने की ज़रूरत पड़ सकती है जबकि देश में कुल आईसीयू बेड की संख्या महज़ 94,961 है. 135 करोड़ की आबादी वाले देश में महज़ 47,481 वेंटिलेटर मौजूद हैं. अगर अनुमान सही साबित हुए तो कोरोना की महामारी आने वाला वक़्त में बड़ी विपदा बन जाएगी.
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