नागरिकता संशोधन बिल पर अमित शाह को झटका, पूर्वोत्तर के नुमाइंदो ने विरोध दर्ज कराया
धर्म के आधार पर नागरिकता देने वाले विवादित नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद में पेश करने से पहले गृहमंत्री अमित शाह पूर्वोत्तर के राज्यों में समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने शुक्रवार को शनिवार को पूर्वोत्तर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों, सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों और छात्र संगठनों के नुमाइंदों से मुलाक़ात की लेकिन सभी ने एक सुर में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध किया है.
अरुणाचल प्रदेश के पूर्व सीएम नाबाम तुकी ने कहा कि अभी तक यह नहीं पता है कि देश में अवैध प्रवासी कितने हैं. बिना संख्या का पता लगाए धर्म के आधार पर नागरिकता क्यों दी जा रही है. इस बिल के पास होने से विदेशी प्रवासी अन्य राज्यों में भी फैल जाएंगे.
मेघालय के पूर्व सीएम मुकुल संगमा ने कहा कि वो पूर्वोत्तर के राज्य इस बिल का शुरू से विरोध कर रहे हैं क्योंकि भविष्य में इसकी प्रतिक्रिया क्या होगी, कोई नहीं जानता. संगमा ने यह भी कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 ख़त्म किए जाने के बाद स्थानीय लोग पूछ रहे है कि कहीं हमारे अधिकार भी इस तरह ख़त्म तो नहीं कर दिए जाएंगे? बीजेपी नेता और असम सरकार में मंत्री हेमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि सभी प्रतिनिधि नागरिकता संशोधन बिल के पुराने ड्राफ्ट की वजह से विरोध कर रहे हैं. अब नया ड्राफ्ट बन रहा है और यह विरोध ख़त्म हो जाएगा. नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि इसमें बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान से आए ग़ैर मुस्लिम समुदायों को नागरिकता देने का प्रावधान है. मगर पूर्वोत्तर के राज्य कह रहे हैं कि अगर धर्म के आधार पर नागरिकता दी गई तो आसपास के देशों के अवैध प्रवासी पूर्वोत्तर समेत देश के बाक़ी राज्यों में फैल जाएंगे और उनका अपनी पहचान पर संकट का ख़तरा पैदा हो जाएगा.
मेघालय के पूर्व सीएम मुकुल संगमा ने कहा कि वो पूर्वोत्तर के राज्य इस बिल का शुरू से विरोध कर रहे हैं क्योंकि भविष्य में इसकी प्रतिक्रिया क्या होगी, कोई नहीं जानता. संगमा ने यह भी कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 ख़त्म किए जाने के बाद स्थानीय लोग पूछ रहे है कि कहीं हमारे अधिकार भी इस तरह ख़त्म तो नहीं कर दिए जाएंगे? बीजेपी नेता और असम सरकार में मंत्री हेमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि सभी प्रतिनिधि नागरिकता संशोधन बिल के पुराने ड्राफ्ट की वजह से विरोध कर रहे हैं. अब नया ड्राफ्ट बन रहा है और यह विरोध ख़त्म हो जाएगा. नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि इसमें बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान से आए ग़ैर मुस्लिम समुदायों को नागरिकता देने का प्रावधान है. मगर पूर्वोत्तर के राज्य कह रहे हैं कि अगर धर्म के आधार पर नागरिकता दी गई तो आसपास के देशों के अवैध प्रवासी पूर्वोत्तर समेत देश के बाक़ी राज्यों में फैल जाएंगे और उनका अपनी पहचान पर संकट का ख़तरा पैदा हो जाएगा.
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