नोबेल सम्मान मिलने के बाद बोले अभिजीत बनर्जी, संकट में है भारत की अर्थव्यवस्था
भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार मिलने पर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
उनके नाम के साथ-साथ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय भी ट्रेंड कर रहा है जहां से उन्होंने अर्थशास्त्र की पढ़ाई की थी. हालांकि उनका दाख़िला प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में भी हो गया था लेकिन उन्होंने जेएनयू को तरजीह दी.
केंद्रीय सत्ता पर क़ाबिज़ होने के बाद से बीजेपी के नेता और उसके समर्थक बार-बार जेएनयू पर हमला कर रहे हैं. फरवरी, 2016 देशद्रोह का कथित नारा लगाए जाने पर जेएनयू पर हमले तेज़ हो गए थे. तब भी अभिजीत बनर्जी ने एक लेख में कहा था कि जेएनयू सोचने-विचारने वाली जगह है और सरकार को उससे निश्चित तौर पर दूर रहना चाहिए. इसी लेख में अभिजीत बनर्जी ने बताया था कि जेएनयू वीसी से विवाद होने पर उन्हें 10 दिन तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ा था. अभिजीत बनर्जी नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की जमकर आलोचना करते हैं. उन्होंने नोटबंदी के बाद मोदी सरकार पर तीखा हमला किया था. जब मोदी सरकार पर जीडीपी के वास्तविक आंकड़े छिपाने का आरोप लगा, तब देश-दुनिया के 108 अर्थशास्त्रियों ने खुली चिट्ठी लिखी थी जिसमें अभिजीत बनर्जी का नाम भी शामिल था. नोबल पुरस्कार मिलने के बाद अभिजीत बनर्जी संकट से गुज़र रही भारतीय अर्थव्यस्था पर सवाल उठाए. उन्होंने मैसाच्युसैट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एक प्रेस कांफ्रेंस संबोधित की. सुनिए, अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने क्या कहा….
केंद्रीय सत्ता पर क़ाबिज़ होने के बाद से बीजेपी के नेता और उसके समर्थक बार-बार जेएनयू पर हमला कर रहे हैं. फरवरी, 2016 देशद्रोह का कथित नारा लगाए जाने पर जेएनयू पर हमले तेज़ हो गए थे. तब भी अभिजीत बनर्जी ने एक लेख में कहा था कि जेएनयू सोचने-विचारने वाली जगह है और सरकार को उससे निश्चित तौर पर दूर रहना चाहिए. इसी लेख में अभिजीत बनर्जी ने बताया था कि जेएनयू वीसी से विवाद होने पर उन्हें 10 दिन तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ा था. अभिजीत बनर्जी नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की जमकर आलोचना करते हैं. उन्होंने नोटबंदी के बाद मोदी सरकार पर तीखा हमला किया था. जब मोदी सरकार पर जीडीपी के वास्तविक आंकड़े छिपाने का आरोप लगा, तब देश-दुनिया के 108 अर्थशास्त्रियों ने खुली चिट्ठी लिखी थी जिसमें अभिजीत बनर्जी का नाम भी शामिल था. नोबल पुरस्कार मिलने के बाद अभिजीत बनर्जी संकट से गुज़र रही भारतीय अर्थव्यस्था पर सवाल उठाए. उन्होंने मैसाच्युसैट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एक प्रेस कांफ्रेंस संबोधित की. सुनिए, अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने क्या कहा….
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