भारत-चीन सीमा विवाद में रूस का दख़ल देने से इनकार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिनों के लिए रूस के दौरे पर हैं लेकिन इस दौरान रूस ने भारत-चीन सीमा विवाद में दख़ल देने से इनकार कर दिया है. रूस के विदेश मंत्री सरजेई लवरोव ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि भारत और चीन को किसी तीसरे मुल्क की मदद की ज़रूरत है, ख़ासकर तब जब यह उनके देश से जुड़ा मामला हो.
हाल ही में हुए घटनाक्रम को दोनों देश आपस में सुलझा सकते है. ’उन्होंने यह भी कहा 'नई दिल्ली-बीजिंग ने शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है. उन्होंने रक्षा अधिकारियों, विदेश मंत्रियों के स्तर पर बैठकें शुरू कीं और दोनों पक्षों में से किसी ने भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया जिससे यह संकेत मिले कि उनमें से कोई भी गैर-कूटनीतिक समाधान का तरजीह देगा.
हालांकि इसके अलावा रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया. विदेश मंत्री सरजेई लावरोव ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के लिए एक मजबूत उम्मीदवार है और हम भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करते हैं. अपनी इस यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह ने रूसी सेना के टॉप अफसरों से मुलाकात की है. इसके अलावा दूसरे विश्व युद्ध में रूस की जर्मनी पर विजय के 75 वर्ष पूरे होने पर एक भव्य परेड में उन्हें हिस्सा लेना है.
हालांकि इसके अलावा रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया. विदेश मंत्री सरजेई लावरोव ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के लिए एक मजबूत उम्मीदवार है और हम भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करते हैं. अपनी इस यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह ने रूसी सेना के टॉप अफसरों से मुलाकात की है. इसके अलावा दूसरे विश्व युद्ध में रूस की जर्मनी पर विजय के 75 वर्ष पूरे होने पर एक भव्य परेड में उन्हें हिस्सा लेना है.
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