सौर ऊर्जा के इंस्टॉलेशन में गिरालट
यूनाइटेड नेशन्स में भारत के राजदूत सैय्यद अकबरुद्दीन ने यूएन बिल्डिंग के ऊपर सोलर पैनल लगने पर ट्वीट किया है। ये सोलर पैनल भारत से भेजा गया है। पिछले पांच साल में देश में सोलर ऊर्जा को लेकर बहुत बातें हुई हैं। बड़े-बड़े दावे और वादे किए गए हैं।
ख़ासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल पर बहुत ज़ोर दिया है लेकिन ये बातें केवल बातें ही रहीं। ये दावे बस दावे ही रहे और वादों की तो बात ही क्या करनी, सोलर ऊर्जा के मामले में अपना देश जो सबसे आगे था, अब पिछड़ता जा रहा है।
मेरकॉम इंडिया की हाल ही में आई एक रिपोर्ट में इसके आंकड़े पेश किए गए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक देश में सोलर ऊर्जा का उत्पादन मार्च तिमाही के मुक़ाबले जून तिमाही में 14 प्रतिशत गिर गया है। जून तिमाही में 1,218 मेगावाट क्षमता का इंस्टॉलेशन हुआ, जो अप्रैल तिमाही में 1,498 मेगावाट था। साल 2019 की पहली छमाही यानी जनवरी से जून तक के दरमियान भारत ने 3.2 गीगावाट क्षमता का इंस्टालेशन हुआ है, जो पिछले साल की पहली छमाही के मुक़ाबले 35 प्रतिशत गिर गया है। पिछले साल ये इंस्टॉलेशन 5.1 गीगावाट क्षमता का था। सोलर पावर इंस्टॉलेशन में गिरावट का ये सिलसिला पिछले साल की जून तिमाही से चल रहा है, जब अप्रैल तिमाही के मुक़ाबले जून तिमाही में सोलर पावर के इंस्टॉलेशन में 52 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। दरअसल, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सेफगार्ड्स फॉर ड्यूटी ऑन सोलर इंपोर्ट्स के सोलर उपकरणों पर 70% ड्यूटी लगाने के बाद से सोलर कंपनियां परेशान हैं, उन्हें पता नहीं चल रहा कि असलियत में कीमत कितनी होगी। भारतीय सोलर इंडस्ट्री 80 प्रतीशत से भी ज़्यादा आयात पर निर्भर करती है। सोलर इंडस्ट्री के व्यापारियों कि परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। पहले जीएसटी के अंतर्गत सोलर पैनल पर कम और उपकरणों पर काफी ज़्यादा जीएसटी लगना, फिर इम्पोर्ट ड्यूटी में बढ़त के कारण महीनों तक शिपमेंट को बंदरगाहों पर रोक के रखना सोलर पावर के क्षेत्र में भारत के पीछे चले जाने के कुछ कारण हैं। वीडियो देखिये
मेरकॉम इंडिया की हाल ही में आई एक रिपोर्ट में इसके आंकड़े पेश किए गए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक देश में सोलर ऊर्जा का उत्पादन मार्च तिमाही के मुक़ाबले जून तिमाही में 14 प्रतिशत गिर गया है। जून तिमाही में 1,218 मेगावाट क्षमता का इंस्टॉलेशन हुआ, जो अप्रैल तिमाही में 1,498 मेगावाट था। साल 2019 की पहली छमाही यानी जनवरी से जून तक के दरमियान भारत ने 3.2 गीगावाट क्षमता का इंस्टालेशन हुआ है, जो पिछले साल की पहली छमाही के मुक़ाबले 35 प्रतिशत गिर गया है। पिछले साल ये इंस्टॉलेशन 5.1 गीगावाट क्षमता का था। सोलर पावर इंस्टॉलेशन में गिरावट का ये सिलसिला पिछले साल की जून तिमाही से चल रहा है, जब अप्रैल तिमाही के मुक़ाबले जून तिमाही में सोलर पावर के इंस्टॉलेशन में 52 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। दरअसल, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सेफगार्ड्स फॉर ड्यूटी ऑन सोलर इंपोर्ट्स के सोलर उपकरणों पर 70% ड्यूटी लगाने के बाद से सोलर कंपनियां परेशान हैं, उन्हें पता नहीं चल रहा कि असलियत में कीमत कितनी होगी। भारतीय सोलर इंडस्ट्री 80 प्रतीशत से भी ज़्यादा आयात पर निर्भर करती है। सोलर इंडस्ट्री के व्यापारियों कि परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। पहले जीएसटी के अंतर्गत सोलर पैनल पर कम और उपकरणों पर काफी ज़्यादा जीएसटी लगना, फिर इम्पोर्ट ड्यूटी में बढ़त के कारण महीनों तक शिपमेंट को बंदरगाहों पर रोक के रखना सोलर पावर के क्षेत्र में भारत के पीछे चले जाने के कुछ कारण हैं। वीडियो देखिये
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