एक देश एक भाषा की अपील अमित शाह के गले की फांस बनी, बीजेपी के नेता ही कर रहे हैं विरोध

by Ankush Choubey 4 years ago Views 2069

The appeal of one country one language became the
हिंदी दिवस के मौक़े पर गृह मंत्री अमित शाह ने एक देश एक भाषा का नारा दिया था लेकिन इस मुद्दे पर बीजेपी अब दो धड़े में बंट गई है. बीजेपी नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने ट्वीट कर साफ़ किया कि देश में सभी आधिकारिक भाषाएं समान हैं लेकिन कर्नाटक की सैद्धांतिक भाषा कन्नड़ है। हम इसके महत्व से कोई समझौता नहीं करेंगे, राज्य में कन्नड़ ही चलेगी। येदियुरप्पा ने कहा कि, हम अपनी कन्नड़ और राज्य की संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिबद्ध हैं।

वहीँ तमिलनाडु की मुख्या विपक्षी पार्टी डीएमके ने गृहमंत्री अमित शाह के बयान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। डीएमके के प्रमुख एमके स्टालिन ने ऐलान किया है कि अमित शाह, हिंदी को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने की आड़ में हम पर हिंदी थोपने की फिराक में हैं। स्टालिन ने कहा कि, इस विचार के खिलाफ तमिलनाडु में 20 सितंबर को सुबह 10 बजे सभी जिला मुख्यालयों पर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।


इसके आलावा दक्षिण भारत के सुपरस्टार और एमएनएम के प्रमुख कमल हासन ने भी इसके खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की है। कमल हासन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो सन्देश में कहा कि 1950 में देशवासियों से वादा किया गया था कि उनकी भाषा और संस्कृति की रक्षा की जाएगी और कोई शाह, सम्राट या सुल्तान इस वादे को अचानक से खत्म नहीं कर सकता।

वीडियो देखिये

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनेर्जी ने कहा कि हमें सभी भाषाओं और संस्कृतियों का समान रूप से सम्मान करना चाहिए। हम कई भाषाएं सीख सकते हैं, लेकिन हमें अपनी मातृभाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए। दूसरी भाषाओं के सम्मान के लिये हम अपनी मातृभाषा से समझौता नहीं करेंगे।

इससे पहले हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हिंदी हर भारतीय की मातृभाषा नहीं है। संविधान का अनुच्छेद 29 हर भारतीय को अलग भाषा, लिखावट और संस्कृति का अधिकार देता है।

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