यूएई और बहरीन ने आधी आबादी से ज़्यादा की कोरोना जांच की
खाड़ी के देश संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने अपनी आधी आबादी का कोरोना टेस्ट कर लिया है. जिन देशों की आबादी 10 लाख से ज्यादा है, वहां आधी आबादी से ज़्यादा की कोरोना जांच सबसे पहले इन्हीं दोनों देशों ने की है.
संयुक्त अरब अमीरात की आबादी लगभग एक करोड़ है और यहां 52.7 फ़ीसदी आबादी की कोरोना जांच हो चुकी है. जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक 52 लाख 62 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जांच हो चुकी है. यूएई उन देशों में शामिल है जहां प्रति 10 लाख की आबादी पर 5 लाख 31 हज़ार से भी ज़्यादा लोगों की जांच की जा रही है. इतनी बड़ी तादाद में जांच करने वाला यूएई दुनिया का सातवां देश है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा जांच ज़रूरी है जिसका असर यूएई में साफ दिख रहा है. यहां सिर्फ 5 हज़ार 868 एक्टिव मामले बचे हैं जबकि सिर्फ 353 लोगों की मौत हुई है. यहां कुल संक्रमित मरीज़ों की संख्या 61 हज़ार से थोड़ी ज़्यादा है. अगर दूसरे देश बहरीन की बात करें तो इसकी कुल जनसंख्या 17 लाख है जिनमें से 8 लाख 97 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जांच की जा चुकी है. प्रति 10 लाख की आबादी पर यहां पांच लाख 8 हज़ार 369 लोगों की जांच की गई है और इतनी बड़ी संख्या में जांच में मामले में यह दुनिया का पांचवां देश है. एक अध्ययन के मुताबिक खाड़ी देशों में कोरोना से ठीक होने की दर वैश्विक औसत से काफी अधिक दर्ज की गई है. बहरीन, कुवैत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान में औसतन 75 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि वैश्विक स्तर पर मरीज के ठीक होने की दर 57 प्रतिशत है. यूएई सरकार ने पुलिस अफसरों को ऐसे आधुनिक हेलमेट दिए हैं जिससे वे हर मिनट में सैकड़ों लोगों का तापमान को रिकॉर्ड कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि इससे बीमारी को फैलने से रोकने में काफी मदद मिली है. यूएई और बहरीन से पहले छोटी आबादी वाले देश जैसे मोनाको, जिब्राल्टर और फ़ॉकलैंड द्वीप समूह अपने आधे नागरिकों का कोरोना टेस्ट करने में सफल रहे थे. जिन बड़े देशों में आबादी करोड़ों में है, वहां अभी भी टेस्टिंग बहुत धीमे चल रही है. अभी तक यूके में कुल आबादी का 24.9 फ़ीसदी, अमेरिका में 18.6 फ़ीसदी, डेनमार्क में 27.7 फ़ीसदी और सिंगापुर में 25.2 फीसदी लोगों का कोरोना टेस्ट हो चुका है. वहीं अगर 10 लाख की आबादी पर कोरोना जांच की बात करें तो इजिप्ट में महज़ एक हज़ार, अफ़ग़ानिस्तान में दो हज़ार, इंडोनेशिया में साढ़े पांच हज़ार, बांग्लादेश में सात हज़ार, मेक्सिको में आठ हज़ार, पाकिस्तान में नौ हज़ार, इक्वाडोर में 14 हज़ार, बोलिविया में 15 हज़ार और भारत में 16 हज़ार लोगों की कोरोना जांच हो सकी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा जांच ज़रूरी है जिसका असर यूएई में साफ दिख रहा है. यहां सिर्फ 5 हज़ार 868 एक्टिव मामले बचे हैं जबकि सिर्फ 353 लोगों की मौत हुई है. यहां कुल संक्रमित मरीज़ों की संख्या 61 हज़ार से थोड़ी ज़्यादा है. अगर दूसरे देश बहरीन की बात करें तो इसकी कुल जनसंख्या 17 लाख है जिनमें से 8 लाख 97 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जांच की जा चुकी है. प्रति 10 लाख की आबादी पर यहां पांच लाख 8 हज़ार 369 लोगों की जांच की गई है और इतनी बड़ी संख्या में जांच में मामले में यह दुनिया का पांचवां देश है. एक अध्ययन के मुताबिक खाड़ी देशों में कोरोना से ठीक होने की दर वैश्विक औसत से काफी अधिक दर्ज की गई है. बहरीन, कुवैत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान में औसतन 75 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि वैश्विक स्तर पर मरीज के ठीक होने की दर 57 प्रतिशत है. यूएई सरकार ने पुलिस अफसरों को ऐसे आधुनिक हेलमेट दिए हैं जिससे वे हर मिनट में सैकड़ों लोगों का तापमान को रिकॉर्ड कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि इससे बीमारी को फैलने से रोकने में काफी मदद मिली है. यूएई और बहरीन से पहले छोटी आबादी वाले देश जैसे मोनाको, जिब्राल्टर और फ़ॉकलैंड द्वीप समूह अपने आधे नागरिकों का कोरोना टेस्ट करने में सफल रहे थे. जिन बड़े देशों में आबादी करोड़ों में है, वहां अभी भी टेस्टिंग बहुत धीमे चल रही है. अभी तक यूके में कुल आबादी का 24.9 फ़ीसदी, अमेरिका में 18.6 फ़ीसदी, डेनमार्क में 27.7 फ़ीसदी और सिंगापुर में 25.2 फीसदी लोगों का कोरोना टेस्ट हो चुका है. वहीं अगर 10 लाख की आबादी पर कोरोना जांच की बात करें तो इजिप्ट में महज़ एक हज़ार, अफ़ग़ानिस्तान में दो हज़ार, इंडोनेशिया में साढ़े पांच हज़ार, बांग्लादेश में सात हज़ार, मेक्सिको में आठ हज़ार, पाकिस्तान में नौ हज़ार, इक्वाडोर में 14 हज़ार, बोलिविया में 15 हज़ार और भारत में 16 हज़ार लोगों की कोरोना जांच हो सकी है.
Latest Videos