कारोबार बचाने के लिए 70 फ़ीसदी लघु कुटीर उद्योगों में छंटनी के बादल: सर्वे
अखिल भारतीय निर्माता संगठन यानी एआईएमओ के एक सर्वे के मुताबिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के 70 फ़ीसदी से ज़्यादा लोग अपने कारोबार बचाने के लिए छंटनी कर सकते हैं. एआईएमओ के पूर्व अध्यक्ष के ई रघुनाथन के मुताबिक 72 फीसदी एमएसएमई ने कहा कि वे अपने कर्मचारियों की संख्या कम करने को लेकर मूड बना चुके हैं.
सभी सेक्टर्स के सिर्फ 20 फीसदी से भी कम लोगों ने कहा कि वे छंटनी नहीं करेंगे. कंपनियों ने कहा है कि छंटनी की प्रक्रिया शुरू हो गई है और अगस्त 2020 के आख़िर तक तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी.
वीडियो देखिये एआईएमओ के कोषाध्यक्ष राधाकृष्णन ने कहा कि सर्वे में मांग, कंपनी का मार्किट में फंसा पैसा, कच्चा माल, ईएमआई भुगतान, ब्याज के बोझ और सैलरी के मुद्दों को शामिल किया गया है। इनमें से 36 प्रतिशत कंपनियों की सबसे बड़ी चिंता उनकी ईएमआई का भुगतान है। सर्वे में 22 फीसदी कंपनियां कामगारों की कमी से जूझ रही हैं. वहीं 22 फीसदी कंपनियों ने कच्चे माल और उसके दामों पर चिंता जताई और 23 फीसदी ने अगले तीन महीनों के लिए नए काम आने पर चिंता ज़ाहिर की.
वीडियो देखिये एआईएमओ के कोषाध्यक्ष राधाकृष्णन ने कहा कि सर्वे में मांग, कंपनी का मार्किट में फंसा पैसा, कच्चा माल, ईएमआई भुगतान, ब्याज के बोझ और सैलरी के मुद्दों को शामिल किया गया है। इनमें से 36 प्रतिशत कंपनियों की सबसे बड़ी चिंता उनकी ईएमआई का भुगतान है। सर्वे में 22 फीसदी कंपनियां कामगारों की कमी से जूझ रही हैं. वहीं 22 फीसदी कंपनियों ने कच्चे माल और उसके दामों पर चिंता जताई और 23 फीसदी ने अगले तीन महीनों के लिए नए काम आने पर चिंता ज़ाहिर की.
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