केरल के कोझीकोड़ मेें बीजेपी-आरएसएस की एंट्री बैन, लोेगों ने घरों पर पोस्टर लगाए
नागरिकता क़ानून के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश कर रही बीजेपी की एंट्री केरल के कोझीकोड़ ज़िले में बैन कर दी गई है. नागरिकता क़ानून से नाराज़ चल रहे लोगों ने साफ़ कहा कि वे अपने गांवों में BJP और RSS के कार्यकर्ताओं को नहीं घुसने देंगे. यहां लोगों ने अपने घरों पर नागरिकता क़ानून, NRC और NPR को ख़ारिज करने वाले बोर्ड भी लगा दिए हैं.
नागरिकता क़ानून पर समर्थन अभियान चलाने की कोशिश कर रही बीजेपी को केरल में बार-बार झटके लग रहे हैं. अब उत्तरी केरल के कोझीकोड में लोगों ने बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं की एंट्री बैन कर दी है. ज़िले के कोडयातूर इलाक़े में तक़रीबन 400 घरों के गेट पर नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ अंग्रेज़ी और मलयालम भाषा में बोर्ड लगा दिए गए हैं. इन बोर्ड्स पर नागरिकता क़ानून, एनआरसी और एनपीआर को रद्द करने की मांग की गई है. कोड्यातूर के लोगों कहना है कि यह क़ानून संविधान के ख़िलाफ़ है और बीजेपी-आरएसएस के कार्यकर्ता अपने अभियान के बहाने लोगों को गुमराह कर रहे हैं. लिहाज़ा, उनके आने से पहले ही उनकी एंट्री बैन कर दी गई है.
कोझीकोड में नागरिकता क़ानून विरोधी बोर्ड लगाने का अभियान सोमवार से शुरू किया गया है और अब यह आसपास के ज़िलों में भी पहुंच रहा है. यह अभियान चलाने वालों का कहना है कि केरल में हिंदू, मुस्लिम और ईसाई एकजुट हैं और इस क़ानून का पुरज़ोर विरोध कर रहे हैं. इसके बावजूद लोगों के घरों पर बोर्ड लगाने से पहले उनसे पूछा जाता है. वीडियो देखिये बोर्ड लगाने वालों ने यह आरोप भी लगाया है कि बीजेपी के कार्यकर्ता नागरिकता क़ानून के समर्थन वाली बुकलेट और पोस्टर मुस्लिम समुदाय के लोगों की तस्वीरें छापकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. नागरिकता क़ानून के समर्थन निकालने पर बीजेपी-आरएसएस कार्यकर्ताओं को जगह-जगह विरोध का सामना करना पड़ा रहा है. पिछले साल आईएएस के पद से इस्तीफ़ा देने वाले अफ़सर शशिकांत सेंथिल ने एक वीडियो ट्वीट कर बता है कि कर्नाटक में बीजेपी एमएलए आनंद सिंह को नागरिकता क़ानून समर्थित पैम्फलेट बांटने पर स्थानीय लोगों का विरोध झेलना पड़ा.
कोझीकोड में नागरिकता क़ानून विरोधी बोर्ड लगाने का अभियान सोमवार से शुरू किया गया है और अब यह आसपास के ज़िलों में भी पहुंच रहा है. यह अभियान चलाने वालों का कहना है कि केरल में हिंदू, मुस्लिम और ईसाई एकजुट हैं और इस क़ानून का पुरज़ोर विरोध कर रहे हैं. इसके बावजूद लोगों के घरों पर बोर्ड लगाने से पहले उनसे पूछा जाता है. वीडियो देखिये बोर्ड लगाने वालों ने यह आरोप भी लगाया है कि बीजेपी के कार्यकर्ता नागरिकता क़ानून के समर्थन वाली बुकलेट और पोस्टर मुस्लिम समुदाय के लोगों की तस्वीरें छापकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. नागरिकता क़ानून के समर्थन निकालने पर बीजेपी-आरएसएस कार्यकर्ताओं को जगह-जगह विरोध का सामना करना पड़ा रहा है. पिछले साल आईएएस के पद से इस्तीफ़ा देने वाले अफ़सर शशिकांत सेंथिल ने एक वीडियो ट्वीट कर बता है कि कर्नाटक में बीजेपी एमएलए आनंद सिंह को नागरिकता क़ानून समर्थित पैम्फलेट बांटने पर स्थानीय लोगों का विरोध झेलना पड़ा.
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