बिजली संयंत्रों की क्षमता बढ़ी लेकिन उत्पादन और मांग में गिरावट जारी
देश में बिजली की मांग और बिजली उत्पादन लगातार गिरावट दर्ज हो रही है. नए आंकड़े बताते हैं कि विद्युत विभाग में साल दर साल बढ़ती क्षमता बावजूद उप्तपादन और मांग में कटौती हो रही है. विद्युत मंत्रालय के आंकड़े से पता चलता है कि संकट में फंसी अर्थव्यवस्था अभी उबरने की दिशा में नहीं बढ़ रही है.
अर्थव्यवस्था में जारी सुस्ती की वजह से बिजली की मांग में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। विद्युत मंत्रालय के केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की रिपोर्ट बताती है कि प्लांट लोड फैक्टर में पांच फ़ीसदी की कमी आ गई है। बीते साल दिसंबर का प्लांट लोड फैक्टर 59:40 फ़ीसदी था जो इस साल 5 प्रतिशत गिरकर 54:40 फीसदी पर पहुंच गया है। प्लांट लोड फैक्टर के गिरने का सीधा मतलब है कि देश में बिजली का इस्तेमाल कम हो रहा है।
दिलचस्प तथ्य यह भी है कि पिछले चार महीनों में बिजली की मांग लगातार गिरी है. आकड़ों के मुताबिक़ पिछले साल अक्टूबर से नवंबर के बीच बिजली की मांग में 5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त, 2019 में बिजली की मांग 1 लाख 79 हज़ार 159 मेगा वॉट थी जो नवंबर में गिरकर 1 लाख 56 हज़ार 113 मेगा वॉट रह गयी. वीडियो देखिये रिपोर्ट यह भी कहती है कि पिछले साल दिसंबर में देशभर में बिजली उत्पादन संयंत्रों की क्षमता में तकरीबन 2129.755 मेगा वॉट की बढ़ोतरी हुई थी लेकिन इसके बावजूद विद्युत उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले इस साल 4 प्रतिशत की गिरावट आयी है। बिजली उत्पादन के आंकड़े बताते हैं कि नए लक्ष्य को हासिल करना दूर, बिजली मंत्रालय पुराने आकड़ों से भी पीछे चल रहा है। इन आंकड़ों से ये भी साफ होता है कि हर तरह के उद्योग में सुस्ती चल रही है जिसकी वजह से बिजली की मांग लगातार घट रही है.
दिलचस्प तथ्य यह भी है कि पिछले चार महीनों में बिजली की मांग लगातार गिरी है. आकड़ों के मुताबिक़ पिछले साल अक्टूबर से नवंबर के बीच बिजली की मांग में 5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त, 2019 में बिजली की मांग 1 लाख 79 हज़ार 159 मेगा वॉट थी जो नवंबर में गिरकर 1 लाख 56 हज़ार 113 मेगा वॉट रह गयी. वीडियो देखिये रिपोर्ट यह भी कहती है कि पिछले साल दिसंबर में देशभर में बिजली उत्पादन संयंत्रों की क्षमता में तकरीबन 2129.755 मेगा वॉट की बढ़ोतरी हुई थी लेकिन इसके बावजूद विद्युत उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले इस साल 4 प्रतिशत की गिरावट आयी है। बिजली उत्पादन के आंकड़े बताते हैं कि नए लक्ष्य को हासिल करना दूर, बिजली मंत्रालय पुराने आकड़ों से भी पीछे चल रहा है। इन आंकड़ों से ये भी साफ होता है कि हर तरह के उद्योग में सुस्ती चल रही है जिसकी वजह से बिजली की मांग लगातार घट रही है.
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