लद्दाख से 500 किलोमीटर दूर चीन ने की बमवर्षक विमानों की तैनाती
भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच चीन लगातार आक्रामक रुख अपना रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब चीनी वायु सेना ने तनावग्रस्त चीनी-भारतीय सीमा के पास बमवर्षक विमानों की तैनाती कर दी है। बताया जा रहा है कि इन युद्धक विमानों की हद में भारतीय सैन्य ठिकाने और भारतीय जवान दोनों है। हालांकि, बमवर्षक विमानों और उनके चालक दल के लिए मौसम और ऊंचाई दोनों एक बड़ी समस्या है।
मशहूर मैगज़ीन फॉर्ब्स ने ट्विटर-यूजर @detresfa, जो एक तथाकथित 'ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस' प्रैक्टिशनर हैं, के हवाले से एक ख़बर छापी है जिसमें चीन द्वारा झिंजियांग प्रांत के उयगुर स्वायत्त क्षेत्र में काशगर हवाई अड्डे पर छह एच-6 बमवर्षक का चित्र जारी किया गया है।
बता दें, एच-6 बमवर्षक विमान दरअसल दो-इंजन वाले सोवियत टीयू-16 मध्यम बॉम्बर का चीनी मॉडल है। चीनी इंजीनियरों ने नए सेंसर, एवियोनिक्स, इंजन और हथियारों के साथ बुनियादी टीयू-16 में बहुत सुधार किया है जिससे ये बहुत घातक हो जाता है। अगर बात करें काश्गर की तो काशगर लद्दाख से लगभग 500 मील की दूरी पर स्थित है जहां भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल है। साल 1962 में हुए भारत-चीन सीमा युद्ध के बाद हुई वार्ता में ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को ही दोनों देशों ने सीमा माना था। एच-6 के काशगर हवाई पट्टी में कब तैनात किये गए इसके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सैटेलाइट तस्वीरों के तारीखों के आधार पर दावा किया गया है कि इन्हें पिछले महीने जुलाई में तैनात किया गया था। बता दें, जून की शुरुआत में, चीनी सेना के साथ हुई खूनी झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। इसके बाद भारत में कई मीडिया रिपोर्ट्स में चालीस चीनी सैनिक के मरने और घायल होने का दावा किया गया था। हालांकि, आधिकारिक तौर पर ना तो चीन और ना ही भारत ने इसपर कोई बयान जारी किया था। इस खूनी संघर्ष के बाद से ही भारतीय और चीनी युद्धक विमान और हेलीकॉप्टर सीमा क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं। भारत ने Su-30, MiG-29 और MiG-29K लड़ाकू विमानों को तैनात किया है। सैटेलाइट इमेजरी में चीनी वायु सेना के जे -16 लड़ाकू विमानों को काशगर में एच-6 एस भी देखे जा सकते हैं। ज़ाहिर है कह सकते हैं, भले ही सरकार कुछ भी दावा करे लेकिन चीन के रवैये में कुछ बदलाव नहीं आया है और बॉर्डर पर अभी यथास्तिथि बहाल नहीं हो सकी है।
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बता दें, एच-6 बमवर्षक विमान दरअसल दो-इंजन वाले सोवियत टीयू-16 मध्यम बॉम्बर का चीनी मॉडल है। चीनी इंजीनियरों ने नए सेंसर, एवियोनिक्स, इंजन और हथियारों के साथ बुनियादी टीयू-16 में बहुत सुधार किया है जिससे ये बहुत घातक हो जाता है। अगर बात करें काश्गर की तो काशगर लद्दाख से लगभग 500 मील की दूरी पर स्थित है जहां भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल है। साल 1962 में हुए भारत-चीन सीमा युद्ध के बाद हुई वार्ता में ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को ही दोनों देशों ने सीमा माना था। एच-6 के काशगर हवाई पट्टी में कब तैनात किये गए इसके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सैटेलाइट तस्वीरों के तारीखों के आधार पर दावा किया गया है कि इन्हें पिछले महीने जुलाई में तैनात किया गया था। बता दें, जून की शुरुआत में, चीनी सेना के साथ हुई खूनी झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। इसके बाद भारत में कई मीडिया रिपोर्ट्स में चालीस चीनी सैनिक के मरने और घायल होने का दावा किया गया था। हालांकि, आधिकारिक तौर पर ना तो चीन और ना ही भारत ने इसपर कोई बयान जारी किया था। इस खूनी संघर्ष के बाद से ही भारतीय और चीनी युद्धक विमान और हेलीकॉप्टर सीमा क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं। भारत ने Su-30, MiG-29 और MiG-29K लड़ाकू विमानों को तैनात किया है। सैटेलाइट इमेजरी में चीनी वायु सेना के जे -16 लड़ाकू विमानों को काशगर में एच-6 एस भी देखे जा सकते हैं। ज़ाहिर है कह सकते हैं, भले ही सरकार कुछ भी दावा करे लेकिन चीन के रवैये में कुछ बदलाव नहीं आया है और बॉर्डर पर अभी यथास्तिथि बहाल नहीं हो सकी है।
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