क्या देश में कोरोना के मरीजों की संख्या सरकारी आंकड़े से अधिक है ?
क्या देश में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या आज के सरकारी आंकड़े से ज़्यादा है? ये सवाल हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि ऐसी ही कुछ आशंका ज़ाहिर की है देश के कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गाबा ने। 26 मार्च को सभी राज्यों को भेजे एक पत्र में कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गाबा ने लिखा की देश में जितने लोगों की कोरोना वायरस के चलते निगरानी होनी चाहिए, उससे कम लोगों की इस वक़्त जांच चल रही है।
दरअसल, देश में बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग 18 जनवरी से शुरू हुई और ब्योरो ऑफ इम्मेग्रेशन के मुताबिक़ 23 मार्च तक 15 लाख से ज्यादा लोग भारत आए। केंद्रीय स्वास्थ मंत्री हर्षवर्धन कह चुके हैं कि देश में फ़िलहाल 1 लाख 87 हज़ार लोगों को निगरानी यानि कॉरंटाइन में रखा गया है। उद्देश्य ये है कि अगर इन लोगों को बीमारी हो तो वे और लोगों को बीमार ना कर सकें।
अब आप अंदाज़ा लगाइये की अगर 15 लाख लोगों से ज़्यादा लोग कई संक्रमित देशों से आए हैं और देश में केवल 1 लाख 87 हज़ार लोगों को ही निगरानी में रखा गया है तो कितने लोग ऐसे होंगे जो कोरोना से पीड़ित होंगे और फ़िलहाल हर जांच या सरकारी पहुंच के बाहर हैं। आईसीएमआर के मुताबिक़ केवल 25,144 लोगों पर कोरोना का टेस्ट किया गया है, 760 से ज़्यादा मरीज पाए, जिसमें 19 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में जैसे-जैसे टेस्टिंग की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कोरोना के मरीज भी बढ़ते जा रहे हैं। केंद्र सरकार को चिंता है कि ऐसा ना हो, कि बहुत सारे कोरोना के मरीज बिना जांच के रह जाएं और जब तक उनके पास पंहुचा जाए तब तक वे लोगों में भी यह बीमारी फैला दें। इसलिए अब कैबिनेट सेक्रेटरी ने लिखा है कि सभी राज्य तेज़ी से ऐसे लाखों को चिन्हित करने में मदद करें ताकि इन पर भी नज़र रखी जा सके और इस बीमारी के संक्रमण से देश को बचाया जा सके। लगता है, सरकार ने राष्ट्रीय लॉकडाउन का निर्णय भी शायद इसी वजह से उठाया है।
अब आप अंदाज़ा लगाइये की अगर 15 लाख लोगों से ज़्यादा लोग कई संक्रमित देशों से आए हैं और देश में केवल 1 लाख 87 हज़ार लोगों को ही निगरानी में रखा गया है तो कितने लोग ऐसे होंगे जो कोरोना से पीड़ित होंगे और फ़िलहाल हर जांच या सरकारी पहुंच के बाहर हैं। आईसीएमआर के मुताबिक़ केवल 25,144 लोगों पर कोरोना का टेस्ट किया गया है, 760 से ज़्यादा मरीज पाए, जिसमें 19 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में जैसे-जैसे टेस्टिंग की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कोरोना के मरीज भी बढ़ते जा रहे हैं। केंद्र सरकार को चिंता है कि ऐसा ना हो, कि बहुत सारे कोरोना के मरीज बिना जांच के रह जाएं और जब तक उनके पास पंहुचा जाए तब तक वे लोगों में भी यह बीमारी फैला दें। इसलिए अब कैबिनेट सेक्रेटरी ने लिखा है कि सभी राज्य तेज़ी से ऐसे लाखों को चिन्हित करने में मदद करें ताकि इन पर भी नज़र रखी जा सके और इस बीमारी के संक्रमण से देश को बचाया जा सके। लगता है, सरकार ने राष्ट्रीय लॉकडाउन का निर्णय भी शायद इसी वजह से उठाया है।
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