मध्यप्रदेश: तीन महीने से तनख़्वाह नहीं मिलने पर सागर में डॉक्टरों की हड़ताल
कोरोना महामारी के दौर में डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स फ्रंट लाइन पर हैं लेकिन कई राज्यों में उन्हें वक़्त पर तनख़्वाह नहीं मिल रही है. अब मध्य प्रदेश के सागर में बुंदेलखड मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और प्रशासन में टकराव हो रहा है. यहां तकरीबन 69 जूनियर डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है और घर चलाना मुश्किल हो गया है. हंगामा करने पर डॉक्टरों से सात दिन की मोहलत ली गई और सैलरी ट्रांसफर करवाने का वादा किया गया.
यह मियाद भी ख़त्म होने के बाद जब तनख़्वाह नहीं आई तो डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी. इस हड़ताल के चलते बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है. सागर बीजेपी के विधायक शैलेंद्र जैन डॉक्टरों से मुलाक़ात कर तीन दिन की दोबारा मोहलत मांगी है.
फिलहाल डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल यह कहकर ख़त्म कर दी है कि अगले तीन दिनों तक उनका वेतन नहीं मिला तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे. मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आरएस वर्मा भी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करके सैलरी ट्रांसफर करवाने में लगे हुए हैं. हालांकि यह पहला मामला नहीं है जब सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने विरोध किया है. बीते महीने मेडिकल स्टाफ को दी जा रही पीपीई किट में कभी शू-कवर नहीं निकले तो कभी हुड और मास्क गायब मिले. इसको लेकर भी मेडिकल स्टाफ ने जमकर हंगामा किया था.
फिलहाल डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल यह कहकर ख़त्म कर दी है कि अगले तीन दिनों तक उनका वेतन नहीं मिला तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे. मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आरएस वर्मा भी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करके सैलरी ट्रांसफर करवाने में लगे हुए हैं. हालांकि यह पहला मामला नहीं है जब सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने विरोध किया है. बीते महीने मेडिकल स्टाफ को दी जा रही पीपीई किट में कभी शू-कवर नहीं निकले तो कभी हुड और मास्क गायब मिले. इसको लेकर भी मेडिकल स्टाफ ने जमकर हंगामा किया था.
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