एमएनएस की नई मुहिम, अवैध बांग्लादेशियों की सूचना देने पर पांच हज़ार देने का ऐलान
महाराष्ट्र की राजनीती में ज़बरदस्त तरीक़े से फ्लॉप होने के बाद राज ठाकरे अब भारतीय बनाम घुसपैठिए की राजनीती का सहारा ले रहे हैं। मनसे में अपने बेटे को लॉन्च करने के बाद उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ के नाम पर मुहिम चला रही है. अब औरंगाबाद से एक अभियान शुरू किया गया है जिसमे घुसपैठियों की सूचना देने वालों को 5 हज़ार का इनाम देने का ऐलान किया गया है.
महाराष्ट्र की राजनीति में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना 13 साल से सक्रिय है लेकिन राज्य में उसका कोई जनाधार नहीं है. महाराष्ट्र विधानसभा में फिलहाल उसका एक विधायक है और पार्टी का भविष्य संकट में है. मराठी अस्मिता की राजनीति पर बुरी तरह शिक़स्त खा चुकी राज ठाकरे की पार्टी मनसे अब बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उछाल रही है, इस उम्मीद के साथ कि शायद उसकी दयनीय हालत में कुछ सुधार हो जाए. पार्टी ने औरंगाबाद से एक अभियान शुरू किया है. पार्टी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की सूचना देने वाले को 5 हज़ार का इनाम दिया जाएगा।
इससे पहले 23 फरवरी को पुणे में मनसे के कार्यकर्ता बांग्लादेशी घुसपैठियों का आरोप लगाकर एक घर में घुस गए थे. वहां परिवारों के साथ बदसलूकी के बाद पुलिस स्टेशन में शिकायत की. मगर पुलिस की जांच में पता चला कि वे लोग बांग्लादेशी नहीं बल्कि भारतीय हैं और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। इसका पता चलने पर मनसे को काफी शर्मसार होना पड़ा और अब वो बांग्लादेशियों के बारे में सुराग देने वाले को ईनाम देने का ऐलान कर रही है. देश में बांग्लादेशी घुसपैठिए कितने हैं, सरकार के पास इसका कोई आंकड़ा नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि मनसे के कार्यकर्ताओं को सुराग़ कहां से मिलेगा. फिलहाल मनसे अस्तित्व के संकट से जूझ रही है. पार्टी ने 2019 में लोकसभा चुनाव में अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट पर जीत मिली. बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा मनसे से पहले बीजेपी ने उछाला और इसके बहाने समाज में अराजकता भी पैदा की जा रही है. इसी साल जनवरी में कर्नाटक के बीजेपी विधायक , अरविंद लिंबावल्ली के इशारे पर बंगलुरू की एक झुग्गी बस्ती उजाड़ दी गई थी. ये कार्रवाई उस वक़्त हुई जब झुग्गी से ज़्यादातर मज़दूर काम पर बाहर गए थे. हालांकि बाद की जांच में पता चला कि सभी भारतीय नागरिक हैं. सवाल ये भी है कि अवैध घुसपैठियों की शिनाख़्त करना और उन्हें उनके देश भेजने का काम पुलिस और सरकार का है या फिर राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं का।
महाराष्ट्र की राजनीति में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना 13 साल से सक्रिय है लेकिन राज्य में उसका कोई जनाधार नहीं है. महाराष्ट्र विधानसभा में फिलहाल उसका एक विधायक है और पार्टी का भविष्य संकट में है. मराठी अस्मिता की राजनीति पर बुरी तरह शिक़स्त खा चुकी राज ठाकरे की पार्टी मनसे अब बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उछाल रही है, इस उम्मीद के साथ कि शायद उसकी दयनीय हालत में कुछ सुधार हो जाए. पार्टी ने औरंगाबाद से एक अभियान शुरू किया है. पार्टी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की सूचना देने वाले को 5 हज़ार का इनाम दिया जाएगा।
इससे पहले 23 फरवरी को पुणे में मनसे के कार्यकर्ता बांग्लादेशी घुसपैठियों का आरोप लगाकर एक घर में घुस गए थे. वहां परिवारों के साथ बदसलूकी के बाद पुलिस स्टेशन में शिकायत की. मगर पुलिस की जांच में पता चला कि वे लोग बांग्लादेशी नहीं बल्कि भारतीय हैं और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। इसका पता चलने पर मनसे को काफी शर्मसार होना पड़ा और अब वो बांग्लादेशियों के बारे में सुराग देने वाले को ईनाम देने का ऐलान कर रही है. देश में बांग्लादेशी घुसपैठिए कितने हैं, सरकार के पास इसका कोई आंकड़ा नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि मनसे के कार्यकर्ताओं को सुराग़ कहां से मिलेगा. फिलहाल मनसे अस्तित्व के संकट से जूझ रही है. पार्टी ने 2019 में लोकसभा चुनाव में अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट पर जीत मिली. बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा मनसे से पहले बीजेपी ने उछाला और इसके बहाने समाज में अराजकता भी पैदा की जा रही है. इसी साल जनवरी में कर्नाटक के बीजेपी विधायक , अरविंद लिंबावल्ली के इशारे पर बंगलुरू की एक झुग्गी बस्ती उजाड़ दी गई थी. ये कार्रवाई उस वक़्त हुई जब झुग्गी से ज़्यादातर मज़दूर काम पर बाहर गए थे. हालांकि बाद की जांच में पता चला कि सभी भारतीय नागरिक हैं. सवाल ये भी है कि अवैध घुसपैठियों की शिनाख़्त करना और उन्हें उनके देश भेजने का काम पुलिस और सरकार का है या फिर राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं का।
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