जम्मू डिविज़न के पांच ज़िलों में 2-जी इंटरनेट सेवा बहाल, कारगिल में आज से हड़ताल
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 25वें दिन भी कश्मीर घाटी में मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवा बंद है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इशारा किया है कि ये सेवाएं जल्द बहाल नहीं होंगी क्योंकि पाकिस्तान और आतंकी इसका इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ कर रहे हैं।
वहीं जम्मू डिविज़न में हालात में सुधार होता देख यहां के पांच ज़िलों में मोबाइल और इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है। इनमें डोडा, किश्तवाड़, रामबन, राजौरी और पुंछ जिले शामिल हैं। हालांकि इन ज़िलों में कम स्पीड वाली 2जी इंटरनेट सेवाएं बहाल की गई हैं। यहां सभी मोबाइल नेटवर्क की सेवाएं चालू हो गई हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा है कि इंटरनेट सेवा की स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी।
एक तरफ जम्मू डिविज़न और लेह ज़िले में हालात में सुधार हो रहा है, वहीं कारगिल और कश्मीर घाटी में स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस बीच कारगिल ज्वाइंट एक्शन कमिटी ने ज़िले में दो दिन की हड़ताल बुलाई है। इस हड़ताल में कारगिल के बीजेपी नेता भी शामिल हैं। एक्शन कमिटी ने साफ़ कहा है कि वे लद्दाख़ यूनियन टेरिटरी का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं क्योंकि वे सांस्कृति रूप से लेह की बजाय कश्मीर से ज़्यादा जुड़े हुए हैं। लोगों का ये भी कहना है कि लद्दाख़ का हिस्सा बनाने की बजाय केंद्र सरकार कारगिल को अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दे।
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एक तरफ जम्मू डिविज़न और लेह ज़िले में हालात में सुधार हो रहा है, वहीं कारगिल और कश्मीर घाटी में स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस बीच कारगिल ज्वाइंट एक्शन कमिटी ने ज़िले में दो दिन की हड़ताल बुलाई है। इस हड़ताल में कारगिल के बीजेपी नेता भी शामिल हैं। एक्शन कमिटी ने साफ़ कहा है कि वे लद्दाख़ यूनियन टेरिटरी का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं क्योंकि वे सांस्कृति रूप से लेह की बजाय कश्मीर से ज़्यादा जुड़े हुए हैं। लोगों का ये भी कहना है कि लद्दाख़ का हिस्सा बनाने की बजाय केंद्र सरकार कारगिल को अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दे।
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