पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नेपाली नागरिक का सिर मुंडवाया, नेपाल विरोधी नारे लगवाए
सीमा विवाद के चलते नेपाल-भारत के रिश्ते में आई तल्ख़ी का असर दोनों देशों के नागरिकों में देखने को मिल रहा है. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक नेपाली नागरिक को पकड़कर उसका सिर मुंडवा दिया गया. उसकी खोपड़ी पर 'जय श्री राम' लिख दिया गया. फिर उससे 'जय श्री राम' के नारे लगवाए गए और नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ नारेबाज़ी करवाई गयी.
इस सनसनीखेज़ वारदात का आरोप वाराणसी में सक्रिय भगवा संगठन विश्व हिंदू सेना के संयोजक अरुण पाठक और उसके समर्थकों पर लगा है. आरोपी अरुण पाठक ने अपने फेसबुक हैंडल पर इस वीडियो को अपलोड किया है. वीडियो में कथित तौर पर एक नेपाली नागरिक को एक नदी के पास बिठाया गया है. उसके शरीर के ऊपरी हिस्से पर कोई कपड़े नहीं हैं और उससे नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली और नेपाल के खिलाफ नारे लगवाए जा रहे हैं. नेपाली नागरिकों को कामकाज देने के लिए पीड़ित नेपाली नागरिक से भारत की तारीफ भी करवाई जा रही है.
आरोपी अरुण पाठक ने इस वारदात को फेसबुक पर सही ठहराते हुए अपने समर्थकों से अन्य नेपालियों का सिर मुंडवाकर उसपर जय श्री राम लिखने का आह्वान किया. कहा जा रहा है कि भगवा संगठन नेपाली पीएम ओली के उस बयान से भड़के हुए हैं जिसमें उन्होंने भगवान राम को भारतीय नहीं नेपाली बताया था. वाराणसी पुलिस इस मामले में कार्रवाई का भरोसा दिला रही है लेकिन इसका असर नेपाल में भी हो सकता है. नेपाल में भी मौजूदा मोदी सरकार के ख़िलाफ़ ग़ुस्सा चरम पर है जिसके चलते भारतीय नागरिकों की नेपाल में आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गई है. भारत के साथ-साथ नेपाली सुरक्षा एजेंसियों का भी मानना है कि अगर भारतीय नागरिक नेपाल में प्रवेश करते हैं तो उनके साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती है. भारत और नेपाल के बीच तक़रीबन 1800 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है. भारत के पांच राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम की सीमा नेपाल से लगती है और इन राज्यों से हर दिन हज़ारों लोगों की आवाजाही होती है. मगर मौजूदा तनाव के चलते आवाजाही पूरी तरह ठप पड़ी है.
आरोपी अरुण पाठक ने इस वारदात को फेसबुक पर सही ठहराते हुए अपने समर्थकों से अन्य नेपालियों का सिर मुंडवाकर उसपर जय श्री राम लिखने का आह्वान किया. कहा जा रहा है कि भगवा संगठन नेपाली पीएम ओली के उस बयान से भड़के हुए हैं जिसमें उन्होंने भगवान राम को भारतीय नहीं नेपाली बताया था. वाराणसी पुलिस इस मामले में कार्रवाई का भरोसा दिला रही है लेकिन इसका असर नेपाल में भी हो सकता है. नेपाल में भी मौजूदा मोदी सरकार के ख़िलाफ़ ग़ुस्सा चरम पर है जिसके चलते भारतीय नागरिकों की नेपाल में आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गई है. भारत के साथ-साथ नेपाली सुरक्षा एजेंसियों का भी मानना है कि अगर भारतीय नागरिक नेपाल में प्रवेश करते हैं तो उनके साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती है. भारत और नेपाल के बीच तक़रीबन 1800 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है. भारत के पांच राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम की सीमा नेपाल से लगती है और इन राज्यों से हर दिन हज़ारों लोगों की आवाजाही होती है. मगर मौजूदा तनाव के चलते आवाजाही पूरी तरह ठप पड़ी है.
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