यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर RBI ने अकाउंट से 50,000 निकालने की लिमिट तय की
नकदी संकट से जूझ रहे देश के चौथे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक यस बैंक का कामकाज आरबीआई ने अपने हाथ में ले लिया है। वहीं आरबीआई ने अपनी ओर से नया प्रशासक नियुक्त कर एक महीने में बैंक अकाउंट से 50 हजार रुपए निकालने की लिमिट तय कर दी है।
नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक पर गुरुवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया। साथ ही आरबीआई ने अपनी ओर से नया प्रशासक नियुक्त कर एक महीने में बैंक अकाउंट से 50 हजार रुपए निकालने की लिमिट तय कर दी है। हालांकि कुछ विषय परिस्थतियों में कैश निकालने को लेकर लिमिट में छूट दी गई है। आरबीआई का ये आदेश अगले एक महीने के लिए है और 3 अप्रैल तक जारी रहेगी।
वीडियो देखिये लिमिट तय करने के साथ ही आरबीआई ने बैंक के कारोबार पर कई तरह की और पाबंदिया भी लगा दी हैं। आरबीआई ने यस बैंक के ग्राहकों से कहा कि उनके हितों की पूरी तरह रक्षा की जाएगी और उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बैंक अकाउंट से 50 हजार रुपए निकालने की लिमिट तय करने के बाद गुरुवार देर रात यस बैंक के एटीएम में लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। उधर गुरुवार को ही एसबीआई के बोर्ड ने यस बैंक में निवेश के लिए इन-प्रिंसिपल अप्रूवल दे दिया है। अप्रूवल मिलने के बाद एसबीआई और एलआईसी दोनों यस बैंक में संयुक्त रूप से 49 फीसदी शेयर लेंगे। करीब 15 साल पहले शुरू हुए यस बैंक की पिछले काफी समय से आर्थिक हालत ठीक नहीं है। एनपीए ज्यादा होने की वजह से बैंक के पास नकदी की कमी है और लगातार बैंक पर कर्ज बढ़ता ही जा रहा है।
नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक पर गुरुवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया। साथ ही आरबीआई ने अपनी ओर से नया प्रशासक नियुक्त कर एक महीने में बैंक अकाउंट से 50 हजार रुपए निकालने की लिमिट तय कर दी है। हालांकि कुछ विषय परिस्थतियों में कैश निकालने को लेकर लिमिट में छूट दी गई है। आरबीआई का ये आदेश अगले एक महीने के लिए है और 3 अप्रैल तक जारी रहेगी।
वीडियो देखिये लिमिट तय करने के साथ ही आरबीआई ने बैंक के कारोबार पर कई तरह की और पाबंदिया भी लगा दी हैं। आरबीआई ने यस बैंक के ग्राहकों से कहा कि उनके हितों की पूरी तरह रक्षा की जाएगी और उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बैंक अकाउंट से 50 हजार रुपए निकालने की लिमिट तय करने के बाद गुरुवार देर रात यस बैंक के एटीएम में लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। उधर गुरुवार को ही एसबीआई के बोर्ड ने यस बैंक में निवेश के लिए इन-प्रिंसिपल अप्रूवल दे दिया है। अप्रूवल मिलने के बाद एसबीआई और एलआईसी दोनों यस बैंक में संयुक्त रूप से 49 फीसदी शेयर लेंगे। करीब 15 साल पहले शुरू हुए यस बैंक की पिछले काफी समय से आर्थिक हालत ठीक नहीं है। एनपीए ज्यादा होने की वजह से बैंक के पास नकदी की कमी है और लगातार बैंक पर कर्ज बढ़ता ही जा रहा है।
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