करतारपुर जाने की सिद्धू को इजाज़त नहीं, कहा- वाघा बॉर्डर के रास्ते जाउंगा करतारपुर साहिब
अमृतसर के एक स्थानीय नेता पंजाब कांग्रेस के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को करतारपुर कॉरिडोर शुरू करने का असली नायक बता रहे हैं. 9 नवंबर को इस कॉरिडोर का उदघाटन होना है. भारत से पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह, पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह समेत 100 से ज़्यादा बड़ी हस्तियां इसमें शामिल होंगी लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू का नाम इसमें नहीं है.
नवजोत सिंह सिद्धू ने तीन-तीन बार विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखी लेकिन उन्हें मंज़ूरी नहीं मिली. जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से इसकी वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि करतारपुर जाने के लिए एक प्रक्रिया है और सभी को उसी प्रक्रिया के तहत आवेदन करना होगा.
रवीश कुमार ने यह भी कहा कि करतारपुर कॉरिडोर के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच समझौता द्विपक्षीय है. समझौते में संशोधन के बिना पाकिस्तान यह ऐलान नहीं कर सकता कि करतारपुर जाने वाले भारतीयों को पासपोर्ट की ज़रूरत नहीं है. कहा जा रहा है कि बीजेपी शासित केंद्र सरकार राजनीतिक द्वेष के चलते नवजोत सिंह सिद्धू को एक धार्मिक कार्यक्रम में जाने से रोक रही है. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि सिद्धू को इसमें ज़रूर शामिल होना चाहिए. वीडियो देखिये पाकिस्तान ने नवजोत सिंह सिद्धू को बतौर मेहमान इस ऐतिहासिक प्रोग्राम के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का न्यौता दिया है. उन्हें पाकिस्तान का वीज़ा भी मिल गया है. उन्होंने विदेश मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में कहा है कि अगर मंज़ूरी नहीं मिली तो वो वाघा बॉर्डर के रास्ते एक दिन पहले 8 नवंबर को करतापुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब जाएंगे.
रवीश कुमार ने यह भी कहा कि करतारपुर कॉरिडोर के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच समझौता द्विपक्षीय है. समझौते में संशोधन के बिना पाकिस्तान यह ऐलान नहीं कर सकता कि करतारपुर जाने वाले भारतीयों को पासपोर्ट की ज़रूरत नहीं है. कहा जा रहा है कि बीजेपी शासित केंद्र सरकार राजनीतिक द्वेष के चलते नवजोत सिंह सिद्धू को एक धार्मिक कार्यक्रम में जाने से रोक रही है. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि सिद्धू को इसमें ज़रूर शामिल होना चाहिए. वीडियो देखिये पाकिस्तान ने नवजोत सिंह सिद्धू को बतौर मेहमान इस ऐतिहासिक प्रोग्राम के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का न्यौता दिया है. उन्हें पाकिस्तान का वीज़ा भी मिल गया है. उन्होंने विदेश मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में कहा है कि अगर मंज़ूरी नहीं मिली तो वो वाघा बॉर्डर के रास्ते एक दिन पहले 8 नवंबर को करतापुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब जाएंगे.
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