भारत बंद पर डीयू, जामिया, जाधवपुर समेत कई कैंपसों में ज़ोरदार प्रदर्शन
10 ट्रेड यूनियनों की अपील पर बुलाई गई देशव्यापी हड़ताल का असर देश के कोने कोने में देखने को मिला है. देशभर के कैंपसों में स्टूडेंट्स ने भी भारत बंद की हड़ताल में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. भारत बंद के दौरान कैंपसों में माहौल कैसा रहा, देखिए यह रिपोर्ट.
केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ की गई हड़ताल में देशभर के विश्वविद्यालयों में एकजुटता देखने को मिली है. हज़ारों स्टूडेंट्स ने कैंपसों में मार्च किया और तमाम मांगों को लेकर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की.
राजधानी में दिल्ली यूनिवर्सिटी की आर्ट्स फैकल्टी के बाहर सैकड़ों स्टूडेंट्स और टीचर्स ने जमा होकर भारत बंद हड़ताल का समर्थन किया और मार्च निकाला. इनके हाथों में सावित्री बाई फुले, फ़ातिमा शेख़, भगत सिंह और अश्फाक़ उल्लाह ख़ां की तस्वीरों वाले प्लाकार्ड थे. प्रदर्शनकारी जेएनयू पर हमले के साथ-साथ विवादित नागरिकता क़ानून और एनआरसी को रद्द करने की मांग कर रहे थे. उर्दू के शायर बिस्मिल अज़ीमाबादी की क्रांतिकारी नज़्म सरफ़रोशी की तमन्ना अब जगह-जगह कैंपसों में गायी जा रही है. पश्चिम बंगाल की जाधवपुर यूनिवर्सिटी में प्रदर्शनकारी छात्र इस नज़्म को गुनगुनाते रहे. इन्होंने नागरिकता क़ानून को रद्द करने के साथ-साथ कैंपसों में सुरक्षित माहौल देने की मांग की. 5 जनवरी की शाम नक़ाबपोशों के हमले के बाद जेएनयू कैंपस में भी तनाव का माहौल है. भारत बंद की हड़ताल के बीच डीएमके नेता कनिमोझी जेएनयू पहुंचीं. उन्होंने यूनियन प्रेज़िडेंट आइशी घोष समेत कई ज़ख़्मी स्टूडेंट्स से मुलाक़ात की और उन हॉस्टल्स में भी गईं जहां हमलावरों ने तोड़फोड़ की थी. कनिमोझी ने कहा कि अलग विचार वाले स्टूडेंट्स को निशाना बनाया गया है और ऐसा दुनिया के किसी देश में नहीं मुमकिन है. वीडियो देखिये दिल्ली के जामिया मिल्ल्यिा इस्लामिया में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ 15 दिसंबर से ही धरना प्रदर्शन चल रहा है. ठंड बढ़ने और बारिश होने के बावजूद लोग धरना स्थल से हटने के लिए तैयार नहीं हैं. इस धरने में स्टूडेंट्स के अलावा बड़ी तादाद औरतों और बच्चों की है. भारत बंद के दौरान यहां बड़ी संख्या में लोग दिखे और विवादित क़ानून को वापस लेने की मांग की. कमोबेश सभी कैंपसों में प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर कैंपसों में माहौल में सुधार नहीं हुआ और सरकार ने बुनियादी मुद्दों की बजाय सांप्रदायिक ध्रुवीकरण वाले मुद्दों को उठाया तो विरोध प्रदर्शन बढ़ते जाएंगे.
राजधानी में दिल्ली यूनिवर्सिटी की आर्ट्स फैकल्टी के बाहर सैकड़ों स्टूडेंट्स और टीचर्स ने जमा होकर भारत बंद हड़ताल का समर्थन किया और मार्च निकाला. इनके हाथों में सावित्री बाई फुले, फ़ातिमा शेख़, भगत सिंह और अश्फाक़ उल्लाह ख़ां की तस्वीरों वाले प्लाकार्ड थे. प्रदर्शनकारी जेएनयू पर हमले के साथ-साथ विवादित नागरिकता क़ानून और एनआरसी को रद्द करने की मांग कर रहे थे. उर्दू के शायर बिस्मिल अज़ीमाबादी की क्रांतिकारी नज़्म सरफ़रोशी की तमन्ना अब जगह-जगह कैंपसों में गायी जा रही है. पश्चिम बंगाल की जाधवपुर यूनिवर्सिटी में प्रदर्शनकारी छात्र इस नज़्म को गुनगुनाते रहे. इन्होंने नागरिकता क़ानून को रद्द करने के साथ-साथ कैंपसों में सुरक्षित माहौल देने की मांग की. 5 जनवरी की शाम नक़ाबपोशों के हमले के बाद जेएनयू कैंपस में भी तनाव का माहौल है. भारत बंद की हड़ताल के बीच डीएमके नेता कनिमोझी जेएनयू पहुंचीं. उन्होंने यूनियन प्रेज़िडेंट आइशी घोष समेत कई ज़ख़्मी स्टूडेंट्स से मुलाक़ात की और उन हॉस्टल्स में भी गईं जहां हमलावरों ने तोड़फोड़ की थी. कनिमोझी ने कहा कि अलग विचार वाले स्टूडेंट्स को निशाना बनाया गया है और ऐसा दुनिया के किसी देश में नहीं मुमकिन है. वीडियो देखिये दिल्ली के जामिया मिल्ल्यिा इस्लामिया में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ 15 दिसंबर से ही धरना प्रदर्शन चल रहा है. ठंड बढ़ने और बारिश होने के बावजूद लोग धरना स्थल से हटने के लिए तैयार नहीं हैं. इस धरने में स्टूडेंट्स के अलावा बड़ी तादाद औरतों और बच्चों की है. भारत बंद के दौरान यहां बड़ी संख्या में लोग दिखे और विवादित क़ानून को वापस लेने की मांग की. कमोबेश सभी कैंपसों में प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर कैंपसों में माहौल में सुधार नहीं हुआ और सरकार ने बुनियादी मुद्दों की बजाय सांप्रदायिक ध्रुवीकरण वाले मुद्दों को उठाया तो विरोध प्रदर्शन बढ़ते जाएंगे.
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