ट्यूबरक्लोसिस मुक्त भारत का लक्ष्य नहीं होगा पूरा, 18 फीसदी नए मरीज़ मिले

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 1614

TB CASES ON THE RISE, REVEALS GOVT DATA
केंद्र सरकार 2025 तक भारत को ट्यूबरक्लोसिस जैसी बीमारी से मुक्त बनाने की कोशिश कर ही है लेकिन लोकसभा में पेश आंकड़े बताते हैं कि इस टारगेट को हासिल कर पाना इतना आसान नहीं है. लोकसभा में पेश आंकड़ों से पता चलता है कि फिलहाल देश में टीबी के मरीज़ों की तादाद 21 लाख से 27 लाख के बीच है. और 2017 से 2018 के बीच टीबी के मरीज़ों में 18 फ़ीसदी की बढ़ोतरी भी हो गई है.

2025 तक भारत को ट्यूबरक्लोसिस से मुक्त करने की केंद्र सरकार की कोशिशों को झटका लगा है. इंडिया टीबी रिपोर्ट के मुताबिक देश में टीबी के मरीज़ों में 18 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 2017 में देश में टीबी के मरीज़ों की संख्या 18 लाख 27 हज़ार 959 थी जो 2018 में बढ़कर 21 लाख 55 हज़ार 894 हो गई. यानी महज़ एक साल में टीबी के मरीज़ों की संख्या में 18 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा हो गया.


लोकसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक 2018 में 59 फ़ीसदी टीबी के मरीज़ यानी 12 लाख 68 हज़ार 705 मरीज़ 15 से 44 साल की उम्र के बीच थे. वहीं 7 लाख 49 हज़ार 620 टीबी के मरीज़ यानी 35 फ़ीसदी मरीज़ 45 साल से ज़्यादा की उम्र के थे. जबकि 15 साल से कम उम्र के टीबी मरीज़ों की संख्या छह फ़ीसदी यानी 1 लाख 37 हज़ार 570 दर्ज की गई.

हालांकि ग्लोबल टीबी रिपोर्ट में भारत में टीबी के नए मरीज़ों की तादाद 26.9 लाख बताई गई है.

ये आंकड़े लोकसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने लोकसभा में पेश किए हैं. लोकसभा में एमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा था कि एक तरफ यह दावा किया जा रहा है कि टीबी से होने वाली मौतों में 82 फ़ीसदी की कमी आई है तो दूसरी तरफ ऐसी ख़बरें भी आई हैं कि पिछले साल टीबी के मरीज़ों में 16 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हो गई.

इसपर मंत्रालय ने जवाब दिया कि उन मरीज़ों की मौतों में 85 फ़ीसदी की कमी आई है जो टीबी के साथ-साथ एचआईवी से भी संक्रमित थे. 2010 में टीबी एचआईवी से 63,000 मौतें हुई थीं जो 2018 में घटकर महज़ 9,700 रह गई.

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