मंदसौर कांड के आंदोलनकारी किसानों पर दर्ज मुक़दमे वापस होंगे
मध्यप्रदेश में 2017 के किसान आंदोलन के दौरान तत्कालीन बीजेपी सरकार ने 3,000 से ज़्यादा किसानों पर केस दर्ज किये थे. अब मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की तैयारी शुरू कर दी है. राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि किसानों पर दर्ज 100 में से 64 एफ़आईआर रद्द की जाएंगी.
2017 के किसान आंदोलन के दौरान मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने सैकड़ों किसानों पर मुक़दमा दर्ज किया था. मगर राज्य में सत्ता बदलने के बाद कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार इन किसानों पर दर्ज मुक़दमे हटाने की तैयारी कर रही है. मध्य प्रदेश सरकार ने कहा है कि 6 जून 2017 को मंदसौर में हुए गोली कांड के बाद दर्ज 100 एफआईआर में से 64 मामलों को खत्म किया जाएगा. कमलनाथ सरकार के इस फैसले से मंदसौर के किसानों में खुशी का माहौल है.
मध्य प्रदेश में 2017 में हुए किसान आंदोलन का केंद्र मंदसौर ज़िला था. यहां पुलिस फायरिंग में छह किसानों की मौत हुई थी और तत्कालीन शिवराज सरकार ने 100 से ज्यादा एफआईआर में 3000 से ज्यादा आंदोलनकारी किसानों को आरोपी बनाया था. इनमें सबसे ज्यादा 51 मामले पिपलिया मंडी थाना, मंदसौर में दर्ज किए गए थे. वीडियो देखिये तब कांग्रेस पार्टी ने शिवराज सरकार पर किसानों की आवाज़ कुचलने का आरोप लगाते हुए बड़ा आंदोलन किया था. उस वक़्त कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मंदसौर जाने की कोशिश की थी मगर पुलिस ने उन्हें मंदसौर जाने नहीं दिया था. कहा जाता है कि राज्य की सत्ता में 15 साल बाद कांग्रेस की वापसी इसी किसान से होकर निकली है.
2017 के किसान आंदोलन के दौरान मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने सैकड़ों किसानों पर मुक़दमा दर्ज किया था. मगर राज्य में सत्ता बदलने के बाद कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार इन किसानों पर दर्ज मुक़दमे हटाने की तैयारी कर रही है. मध्य प्रदेश सरकार ने कहा है कि 6 जून 2017 को मंदसौर में हुए गोली कांड के बाद दर्ज 100 एफआईआर में से 64 मामलों को खत्म किया जाएगा. कमलनाथ सरकार के इस फैसले से मंदसौर के किसानों में खुशी का माहौल है.
मध्य प्रदेश में 2017 में हुए किसान आंदोलन का केंद्र मंदसौर ज़िला था. यहां पुलिस फायरिंग में छह किसानों की मौत हुई थी और तत्कालीन शिवराज सरकार ने 100 से ज्यादा एफआईआर में 3000 से ज्यादा आंदोलनकारी किसानों को आरोपी बनाया था. इनमें सबसे ज्यादा 51 मामले पिपलिया मंडी थाना, मंदसौर में दर्ज किए गए थे. वीडियो देखिये तब कांग्रेस पार्टी ने शिवराज सरकार पर किसानों की आवाज़ कुचलने का आरोप लगाते हुए बड़ा आंदोलन किया था. उस वक़्त कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मंदसौर जाने की कोशिश की थी मगर पुलिस ने उन्हें मंदसौर जाने नहीं दिया था. कहा जाता है कि राज्य की सत्ता में 15 साल बाद कांग्रेस की वापसी इसी किसान से होकर निकली है.
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