आज खुलेंगे सबरीमाला मंदिर के कपाट, क्या महिला श्रद्धालुओं की एंट्री होगी?
सबरीमाला मंदिर में दो महीने तक चलने वाला उत्सव मंडला-मकराविलक्कु शुरू हो गया है. भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालुओं के लिए राज्य सरकार ने तरह-तरह के इंतज़ाम किए हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल महिला श्रद्धालुओं को लेकर बना हुआ है कि उन्हें मंदिर में एंट्री मिलेगी या नहीं.
केरल के सबरीमाला मंदिर में दो महीने तक चलने वाले मंडला-मकराविलक्कु सत्र की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. श्रद्धालुओं के लिए यहां मेडिकल कैंप, टॉयलेट, वॉशरूम समेत तमाम ज़रूरी सुविधाओं का इंतज़ाम केरल सरकार ने किया है. सुरक्षा बंदोबस्त भी यहां धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है.
सबरीमाला मंदिर का कपाट शनिवार शाम खुलने के बाद भक्त भगवान अयप्पा के दर्शन करना शुरू कर देंगे. मगर यहां सबसे बड़ी चुनौती महिला श्रद्धालुओं को लेकर बनी हुई है कि उन्हें मंदिर में एंट्री मिलेगी या नहीं. सबरीमाला मंदिर में जाने वाली महिला श्रद्धालुओं को केरल सरकार ने विशेष सुरक्षा देने से मना कर दिया है. सरकार का कहना है कि महिला श्रद्धालु सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर दिखाकर सबरीमाला मंदिर में जाने के लिए आज़ाद हैं. हालांकि आशंका है कि जब महिलाएं मंदिर में दर्शन के लिए जाएंगी तो पुरुष श्रद्धालु उन्हें रोकने की कोशिश करेंगे. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री का रास्ता खुला है लेकिन इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में 50 से ज़्यादा पुनर्विचार याचिकाएं लगाई गई थीं और अब इस मामले को सुनवाई के लिए सात जजों की बेंच के पास भेज दिया गया है. वीडियो देखिये हालांकि नई बेंच को भेजे जाने से सुप्रीम कोर्ट का पिछला फैसला ख़ारिज नहीं होता है. नई बेंच का फ़ैसला आने तक महिला श्रद्धालु मंदिर में क़ानूनी रूप से जाने की हकदार हैं. आशंका है कि पिछली बार की तरह इस बार भी मंडला-मकराविलक्कु सत्र तनावपूर्ण हो सकता है. पुरुष और महिला श्रद्धालुओं इस उत्सव के दौरान आपस में टकरा सकते हैं. सबरीमाला मंदिर 800 साल पुराना है. मान्यता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी हैं और इसी वजह से 13 से 50 साल की रजस्वला स्त्री को मंदिर में प्रवेश की मनाही है.
सबरीमाला मंदिर का कपाट शनिवार शाम खुलने के बाद भक्त भगवान अयप्पा के दर्शन करना शुरू कर देंगे. मगर यहां सबसे बड़ी चुनौती महिला श्रद्धालुओं को लेकर बनी हुई है कि उन्हें मंदिर में एंट्री मिलेगी या नहीं. सबरीमाला मंदिर में जाने वाली महिला श्रद्धालुओं को केरल सरकार ने विशेष सुरक्षा देने से मना कर दिया है. सरकार का कहना है कि महिला श्रद्धालु सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर दिखाकर सबरीमाला मंदिर में जाने के लिए आज़ाद हैं. हालांकि आशंका है कि जब महिलाएं मंदिर में दर्शन के लिए जाएंगी तो पुरुष श्रद्धालु उन्हें रोकने की कोशिश करेंगे. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री का रास्ता खुला है लेकिन इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में 50 से ज़्यादा पुनर्विचार याचिकाएं लगाई गई थीं और अब इस मामले को सुनवाई के लिए सात जजों की बेंच के पास भेज दिया गया है. वीडियो देखिये हालांकि नई बेंच को भेजे जाने से सुप्रीम कोर्ट का पिछला फैसला ख़ारिज नहीं होता है. नई बेंच का फ़ैसला आने तक महिला श्रद्धालु मंदिर में क़ानूनी रूप से जाने की हकदार हैं. आशंका है कि पिछली बार की तरह इस बार भी मंडला-मकराविलक्कु सत्र तनावपूर्ण हो सकता है. पुरुष और महिला श्रद्धालुओं इस उत्सव के दौरान आपस में टकरा सकते हैं. सबरीमाला मंदिर 800 साल पुराना है. मान्यता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी हैं और इसी वजह से 13 से 50 साल की रजस्वला स्त्री को मंदिर में प्रवेश की मनाही है.
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