ऑनलाइन क्लासेज़ के चलते हज़ारों विदेशी छात्रों पर अमेरिका छोड़ने का ख़तरा

by Shahnawaz Malik 3 years ago Views 2625

Thousands of foreign students are in danger of lea
अमेरिका में पढ़ रहे विदेशी छात्रों पर अपने देश वापस लौटने का ख़तरा पैदा हो गया है. अमेरिका की इमिग्रेशन एंड कस्टम एजेंसी ने कहा है कि जिन विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन क्लासेज़ चल रही हैं, अब उन्हें अमेरिका में रहने की इजाज़त नहीं होगी. अगर ऑनलाइन क्लासेज़ के बावजूद विदेशी छात्र अमेरिका में रहते पाए गए तो उन्हें डीपोर्ट कर दिया जाएगा.

अमेरिका के इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट ने अपने बयान में कहा, अमेरिका उन छात्रों के लिए वीज़ा जारी नहीं करेगा जिनके कोर्स या ट्रेनिंग प्रोग्राम पूरी तरह ऑनलाइन हो गए हैं. यूएस कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन ऐसे छात्रों को अमेरिका में घुसने भी नहीं देगा.


अभी तक यह साफ नहीं है कि अमेरिका की प्रवासन एजेंसी के इस फैसले से कितने हज़ार छात्र प्रभावित होंगे लेकिन इनकी संख्या लाखों में है. सबसे ज़्यादा चीनी और भारतीय छात्र प्रभावित होंगे क्योंकि अमेरिकी विश्वविद्यालयों में इनकी संख्या सबसे ज़्यादा है.

ओपन डोर्स की 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक अकादमिक सत्र 2017-18 में सबसे ज़्यादा चीन के 3 लाख 69 हज़ार 548 चीनी छात्रों ने दाख़िला लिया था. दूसरे नंबर पर भारतीय थे जिनकी संख्या 2 लाख 2 हज़ार 14 थी.

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रेज़िडेंट लैरी बकाऊ ने इस फैसले को परेशान करने वाला बताया. उन्होंने कहा कि हार्वर्ड समेत तमाम विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन क्लासेज़ का इंतज़ाम छात्रों के स्वास्थ्य और वैश्विक महामारी की चुनौती को ध्यान में रखकर किया था. मगर अमेरिका की प्रवासन एजेंसी के चलते ऑनलाइन क्लासेज़ की व्यवस्था ही सवालों के घेरे में आ गई है.

वॉशिंगटन डीसी स्थित थिंक टैंक माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट के मुताबिक इस फैसले का असर तक़रीबन 12 लाख विदेशी छात्रों पर पड़ेगा जिन्होंने साल 2018 में अमेरिका के 8 हज़ार 700 शिक्षण संस्थानों में दाख़िला लिया था.

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