संकट में फंसी अर्थव्यवस्था का एक और संकेत, टैक्स कलेक्शन के लक्ष्य में पिछड़ी केंद्र सरकार

by Israr Ahmed Sheikh 4 years ago Views 1162

Another sign of the economy stuck in crisis, the b
इस वित्त वर्ष में टैक्स कलैक्शन बजट अनुमानों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। एक अप्रेल से 15 सितम्बर तक के आंकड़ों के मुताबिक डायरेक्ट टैक्स कलैक्शन की ग्रोथ सिर्फ़ 5 प्रतिशत रही है जबकि बजट अनुमानों में इसके 18.6 प्रतिशत रहने की बात कही गई थी, यानी डायरेक्ट टैक्स कलैक्शन की ग्रोथ बजट अनुमान के एक तिहाई से भी कम है।

एक अप्रेल से 15 सितम्बर तक डायरेक्ट टैक्स का नेट कलैक्शन 4.4 लाख करोड़ रहा जबकि बजट में इस पूरे वित्त वर्ष में इसके 13.35 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया था।


15 सितम्बर की तारीख़ इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस तारीख़ तक सरकार के पास आधे साल का टैक्स कलैक्शन पहुंच जाता है, यानी अगर बजट अनुमानों के मुताबिक सरकार डायरेक्ट टैक्स कलैक्शन करना चाहती है तो उसे कलैक्शन टारगेट डबल करने पड़ेंगे।

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इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के आंकड़ों के साथ ही इस बात के संकेत मिलने लगे थे कि सरकार का टैक्स कलैक्शन। बजट अनुमानों से काफ़ी नीचे रहने वाला है। पहली तिमाही में डायरेक्ट टैक्स और जीएसटी के कलैक्शन की ग्रोथ बजट अनुमान की लगभग 50 फ़ीसदी ही रही।

डायरेक्ट टैक्स की ग्रोथ 9.7 प्रतिशत रही जबकि बजट में इसके 18.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। इसी तरह जीएसटी कलेक्शन की ग्रोथ भी 9 प्रतिशत रही जबकि बजट में इसके 18 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

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