100 दिनों में खुदरा कारोबार में 15 लाख करोड़ से ज़्यादा का नुकसान, कारोबारी में डर बरक़रार
कंफेडरशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के मुताबिक कोरोना महामारी के चलते देश के खुदरा कारोबार में उथल पुथल मची हुई है. इसके चलते पिछले 100 दिनों में कारोबारियों को लगभग 15 लाख 50 हज़ार करोड़ रुपये का कारोबारी नुकसान उठाना पड़ा है. सीएआईटी ने बयान जारी कर कहा कि देश भर के व्यापारी बाजार में ग्राहक और मांग की कमी, कर्मचारियों और श्रमिकों के काम पर न लौटने और वित्तीय संकट जैसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. हालात को देखते हुए पहले जैसी स्थिति में लौटना अभी मुमकिन नहीं दिख रहा है जिसकी वजह से कारोबारियों की चिंताए बढ़ गई हैं.
आंकड़े बताते हैं कि कोरोना काल में एफएमसीजी सेक्टर ने खुद को संभाला है लेकिन गारमेंट इंडस्ट्री पर ख़ासा बुरा असर पड़ा है जहां डिमांड में अप्रैल में 95 फीसदी, मई में 80 फीसदी और लॉकडाउन खुलने के बाद 15 से 30 जून के बीच 67 फीसदी तक कम दर्ज की गई. ज्यादातर लोग कोरोना संक्रमण के डर से ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं. कपड़ा उद्योग के नुकसान का सही अंदाज़ा अभी लगाना मुमकिन नहीं होगा लेकिन अप्रैल में हुए क्लोदिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने एक सर्वे में लगभग एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के नुकसान का अनुमान लगाया था.
केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से खुदरा कारोबारियोे के लिए कोई ठोस नीति नहीं दिखने से कारोबारियो में चिंता बढ़ती जा रही है. सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि घरेलू व्यापार इस सदी में अपनी सबसे खराब स्थिति से गुजर रहा है जो बताता है कि अगर भारत में लगभग 20 फीसदी खुदरा कारोबारों पर फौरन कदम नहीं उठाए गए तो उन्हें अपने शटर बंद करने पड़ेंगे.
केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से खुदरा कारोबारियोे के लिए कोई ठोस नीति नहीं दिखने से कारोबारियो में चिंता बढ़ती जा रही है. सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि घरेलू व्यापार इस सदी में अपनी सबसे खराब स्थिति से गुजर रहा है जो बताता है कि अगर भारत में लगभग 20 फीसदी खुदरा कारोबारों पर फौरन कदम नहीं उठाए गए तो उन्हें अपने शटर बंद करने पड़ेंगे.
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