रूपया साल के निचले स्तर पर, शेयर बाज़ार में रौनक अब भी 'एफपीआई' की निकासी जारी

by Israr Ahmed Sheikh 4 years ago Views 998

Rupee Hits This Year's Lowest Against Dollar
यूपीए सरकार में जब रुपये ने डॉलर के मुक़ाबले 60 रूपये का स्तर पार किया तो बीजेपी के तमाम नेताओं ने तब के प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह और उनकी सरकार पर तरह-तरह के तंज़ कसे। यूपीए के दौरान जब-जब रुपया कमज़ोर हुआ, बीजेपी नेताओं ने संसद के अंदर और बाहर ख़ूब हंगामा किया।

अब पिछले पांच सालों से भी ज़्यादा वक्त से केंद्र में बीजेपी की सरकार है और रुपया 70 रूपये के पार पहुंच चुका है तो बीजेपी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की दलील है कि रुपये के कमज़ोर होने से निर्यात को फ़ायदा होगा।


वित मंत्री जी ये भूल गईं कि भारत का निर्यात वित्त वर्ष 2019 में 331 बिलियन डॉलर था जबकि आयात 507 बिलियन डॉलर। यानी रुपये के कमज़ोर होने से निर्यात में जितना फ़ायदा होगा आयात में उससे कहीं और ज़्यादा नुकसान।

दरअसल सरकार रुपये की कमज़ोरी छिपाने के लिए बहाने तलाश रही है। सोमवार के कारोबार में रुपये ने दो बार 72 रुपये का स्तर पार किया। रुपये का ये इस साल का सबसे निचला स्तर रहा। लाइफ़टाइम चार्ट देखें तो रुपये ने सोमवार को अब तक का पांचवा सबसे निचला स्तर छुआ।

वित्त मंत्री के उठाए गए कदमों से शेयर बाज़ार में भले ही रौनक लौट आई है मगर विदेशी पोर्टफ़ोलियो निवेशक सरकार के उठाये कदमों से संतुष्ट नज़र नहीं आ रहे हैं। सेंसेक्स सोमवार को 793 अंक और निफ़्टी 228 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ लेकिन विदेशी पोर्टफ़ोलियो निवेशक यानी एफपीआई का इक्विटी बाज़ार से पैसा निकालने का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा।

सोमवार को एफपीआई ने इक्विटी बाज़ार से 1,290 करोड़ रुपये निकाल लिए। अगस्त के महीने में एफपीआई अब तक इक्विटी बाज़ार से 13,934 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। साल 2019 के किसी भी महीने में एफपीआई की ये निकासी सबसे ज़्यादा है।

इससे पहले जुलाई के पूरे महीने में एफपीआई ने इक्विटी बाज़ार से 12, 419 करोड़ रुपये निकाले थे। वहीं जुलाई से पहले सिर्फ़ जनवरी महीने में एफपीआई की इक्विटी बाज़ार से 4, 262 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी।

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