भारत दौरे से पहले ट्रम्प नाराज़, व्यापारिक समझौते टाले
अपने पहले भारत दौरे पर आ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत-अमेरिका के बीच किसी अहम व्यापारिक समझौते की संभावनाओं को ख़ारिज कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने साफ़ किया कि वो भारत के साथ एक बड़ा समझौता तो चाहते हैं लेकिन अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले ये संभव नहीं। ज़ाहिर है, इस दौरे से भारत को कुछ ख़ास फ़ायदा नहीं होने जा रहा है।
साथ ही हिंदुस्तान आने से पहले ही ट्रम्प ने भारत पर अमेरिका के साथ व्यापारिक मोर्चे पर सही सलूक नहीं करने का आरोप लगया है। हालांकि उन्होंने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वो प्रधानमंत्री मोदी को पसंद करते हैं और वो भारत दौरे को लेकर काफी उत्सुक हैं।
ट्रम्प ने कहा कि वास्तव में वे भारत के साथ एक बड़ा ट्रेड डील करना चाहते थे लेकिन क्योंकि इसी साल के अंत में चुनाव होने हैं, ऐसे में ट्रेड डील का हो पाना मुश्किल है। दरअसल, अमेरिका चाहता है कि भारत उसके लिए अपने डेयरी बाज़ार को खोल दे। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार भी आंशिक रूप से डेयरी बाज़ार खोलने के पक्ष में है। एक अनुमान के अनुसार यदि भारत अमेरिका के लिए अपने दूध का बाज़ार खोलता है तो इससे 10 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त व्यापार मिल सकता है। बता दें, भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और इससे करीब आठ करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। भारत जीएसपी से बाहर साल 2019 में अमेरिका ने भारत को जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रीफेरेंस की लिस्ट से बाहर कर दिया था जिससे अमेरिका में भारत से होने वाले निर्यात पर लगने वाले टैरिफ पर छूट थी। अमेरिका के इस क़दम से भारत को 24 करोड़ डॉलर का नुकसान झेलना पड़ सकता है। युनाइटेड स्टेट ट्रेड रिप्रज़ंटेटिव के आंकड़े बताते हैं कि साल 2018 में भारत और अमेरिका के बीच कुल व्यापार 142.3 अरब डॉलर का हुआ। जिसमें अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा 2,520 करोड़ रूपये का था। इसमें भारत का निर्यात 58.7 अरब डॉलर का था। जीएसपी के तहत भारत का निर्यात 6.3 अरब डॉलर था। जिससे भारत को 24 करोड़ डॉलर का मुनाफा हुआ। अब जीएसपी की लिस्ट से बाहर होने के बाद भारत को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ज़ाहिर है, अमरीकी राष्ट्रपति के इस दौरे से भारत को हासिल क्या होगा, ये कहना अभी मुश्किल है।
ट्रम्प ने कहा कि वास्तव में वे भारत के साथ एक बड़ा ट्रेड डील करना चाहते थे लेकिन क्योंकि इसी साल के अंत में चुनाव होने हैं, ऐसे में ट्रेड डील का हो पाना मुश्किल है। दरअसल, अमेरिका चाहता है कि भारत उसके लिए अपने डेयरी बाज़ार को खोल दे। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार भी आंशिक रूप से डेयरी बाज़ार खोलने के पक्ष में है। एक अनुमान के अनुसार यदि भारत अमेरिका के लिए अपने दूध का बाज़ार खोलता है तो इससे 10 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त व्यापार मिल सकता है। बता दें, भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और इससे करीब आठ करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। भारत जीएसपी से बाहर साल 2019 में अमेरिका ने भारत को जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रीफेरेंस की लिस्ट से बाहर कर दिया था जिससे अमेरिका में भारत से होने वाले निर्यात पर लगने वाले टैरिफ पर छूट थी। अमेरिका के इस क़दम से भारत को 24 करोड़ डॉलर का नुकसान झेलना पड़ सकता है। युनाइटेड स्टेट ट्रेड रिप्रज़ंटेटिव के आंकड़े बताते हैं कि साल 2018 में भारत और अमेरिका के बीच कुल व्यापार 142.3 अरब डॉलर का हुआ। जिसमें अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा 2,520 करोड़ रूपये का था। इसमें भारत का निर्यात 58.7 अरब डॉलर का था। जीएसपी के तहत भारत का निर्यात 6.3 अरब डॉलर था। जिससे भारत को 24 करोड़ डॉलर का मुनाफा हुआ। अब जीएसपी की लिस्ट से बाहर होने के बाद भारत को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ज़ाहिर है, अमरीकी राष्ट्रपति के इस दौरे से भारत को हासिल क्या होगा, ये कहना अभी मुश्किल है।
Latest Videos