नागरिकता साबित करने के लिए आधार के दफ़्तर से नोटिस, हैदराबाद में हड़कंप
नागरिकता संशोधन क़ानून पर मचे घमासान के बीच हैदराबाद में आधार का क्षेत्रीय दफ़्तर सुर्ख़ियों में आ गया है. इस दफ़्तर से 127 लोगों को नोटिस भेजकर भारत की नागरिकता साबित करने के लिए कहा है जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है.
विवादित नागरिकता संशोधन क़ानून, एनआरसी और एनपीआर के ख़िलाफ़ दो महीने बाद भी विरोध प्रदर्शनों में कमी नहीं आई है. इस बीच हैदराबाद में आधार के क्षेत्रीय दफ़्तर से 127 लोगों को नोटिस भेजकर नागरिकता साबित करने के लिए कहा गया है.
नोटिस में कहा गया है, ‘आधार दफ़्तर को शिकायत मिली है कि आप भारतीय नागरिक नहीं हैं और अपने फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों से आधार बनवा लिया है. आप 20 फरवरी की सुबह 11 बजे जांच अधिकारी के सामने सभी दस्तावेज़ों की मूल कॉपी के साथ हाज़िर हो जाएं ताकि यह पता लगाया जा सके कि आप भारतीय नागरिक हैं या नहीं.’ नोटिस पाने वालों में मोहम्मद सत्तार ख़ान भी हैं जिनसे कहा गया है कि अगर वो सुनवाई में पेश नहीं होते हैं और ज़रूरी दस्तावेज़ जमा नहीं करते हैं तो उनका आधार कार्ड रद्द कर दिया जाएगा. सत्तार का दावा है कि वो भारतीय नागरिक हैं और उनके पास वोटर आईडी कार्ड, दसवीं क्लास की मार्कशीट भी है। घर चलाने के लिए वो ऑटो चलाते हैं लेकिन नोटिस मिलने से परेशान हैं. वीडियो देखिये आधार को नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जाता और नागरिकता साबित करने के लिए आधार कार्यालय से नोटिस मिलने पर सवाल उठाये जा रहे हैं। हालांकि UIDAI ने ट्वीट् कर कहा कि ये मामला नागरिकता से नहीं बल्कि अवैध प्रवासियों से जुड़ा हुआ है जिन्होंने फर्ज़ी दस्तावेज़ों से आधार कार्ड बनवा लिया है. अब तक ऐसे 127 मामले सामने आ चुके हैं, लिहाज़ा जांच की जा रही है. जिन्होंने फर्ज़ी दस्तावेज़ों से आधार कार्ड बनवाए, उनके कार्ड रद्द किए जाएंगे.
नोटिस में कहा गया है, ‘आधार दफ़्तर को शिकायत मिली है कि आप भारतीय नागरिक नहीं हैं और अपने फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों से आधार बनवा लिया है. आप 20 फरवरी की सुबह 11 बजे जांच अधिकारी के सामने सभी दस्तावेज़ों की मूल कॉपी के साथ हाज़िर हो जाएं ताकि यह पता लगाया जा सके कि आप भारतीय नागरिक हैं या नहीं.’ नोटिस पाने वालों में मोहम्मद सत्तार ख़ान भी हैं जिनसे कहा गया है कि अगर वो सुनवाई में पेश नहीं होते हैं और ज़रूरी दस्तावेज़ जमा नहीं करते हैं तो उनका आधार कार्ड रद्द कर दिया जाएगा. सत्तार का दावा है कि वो भारतीय नागरिक हैं और उनके पास वोटर आईडी कार्ड, दसवीं क्लास की मार्कशीट भी है। घर चलाने के लिए वो ऑटो चलाते हैं लेकिन नोटिस मिलने से परेशान हैं. वीडियो देखिये आधार को नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जाता और नागरिकता साबित करने के लिए आधार कार्यालय से नोटिस मिलने पर सवाल उठाये जा रहे हैं। हालांकि UIDAI ने ट्वीट् कर कहा कि ये मामला नागरिकता से नहीं बल्कि अवैध प्रवासियों से जुड़ा हुआ है जिन्होंने फर्ज़ी दस्तावेज़ों से आधार कार्ड बनवा लिया है. अब तक ऐसे 127 मामले सामने आ चुके हैं, लिहाज़ा जांच की जा रही है. जिन्होंने फर्ज़ी दस्तावेज़ों से आधार कार्ड बनवाए, उनके कार्ड रद्द किए जाएंगे.
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