मध्यप्रदेश: भारी बारिश के कारण मंदसौर और नीमच में हालात बदतर, 75 साल का टूटा रिकॉर्ड
मध्य प्रदेश में आधे से ज़्यादा जिले भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में हैं लेकिन निमाड़ और मालवा क्षेत्र में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. यहां मंदसौर और नीमंदसौर और नीमच में हालात बदतरमच जिलों में भारी बारिश के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन तेज़ कर दिया गया है. रविवार तक इन ज़िलों से 20 हजार लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
इस सीज़न में सबसे ज़्यादा 77.5 मिलीमीटर बारिश मंदसौर में दर्ज हुई है. इससे पहले 1944 में यहां 62 मिलीमीटर बारिश हुयी थी. फिलहाल यहां 200 से ज्यादा गांवों में कमर तक पानी भरा हुआ है और तकरीबन 120 गांवों को खाली करा लिया है. फिलहाल यहां 55 राहत शिवर बनाए गए हैं जहां 20 हजार लोगों को शिफ्ट गिया जा चुका है. वहीं मंदसौर के गांधी सागर बांध का जलस्तर बढ़ने से नीमच के 63 गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गये हैं.
मौसम विभाग के मुताबिक पूर्वी मध्य प्रदेश में मानसून की रफ्तार कुछ धीमी हुई है, लेकिन पश्चिमी हिस्से में मानसून अब भी पूरी तरह सक्रिय है. इसके चलते इंदौर, मंदसौर, नीमच, आगर मालवा और अलीराजपुर समेत 10 जिलो में भारी बारिश की आशंका बनी हुई है जबकि भोपाल समेत 32 जिलों में हल्की बारिश की आशंका बरक़रार है. मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान में भी बारिश का कहर जारी है और मौसम विभाग ने 14 ज़िलों के लिए अगले 24 घंटे तक बारिश का अलर्ट जारी किया है.
मौसम विभाग के मुताबिक पूर्वी मध्य प्रदेश में मानसून की रफ्तार कुछ धीमी हुई है, लेकिन पश्चिमी हिस्से में मानसून अब भी पूरी तरह सक्रिय है. इसके चलते इंदौर, मंदसौर, नीमच, आगर मालवा और अलीराजपुर समेत 10 जिलो में भारी बारिश की आशंका बनी हुई है जबकि भोपाल समेत 32 जिलों में हल्की बारिश की आशंका बरक़रार है. मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान में भी बारिश का कहर जारी है और मौसम विभाग ने 14 ज़िलों के लिए अगले 24 घंटे तक बारिश का अलर्ट जारी किया है.
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