अमेरिका ने विदेशी छात्रों की एंट्री फिर रोकी, भारतीय स्टूडेंट्स की उम्मीदें टूटीं
अमेरिका ने एक बार फिर विदेशी छात्रों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है. अमेरिका ने कहा है कि अगर दाख़िला लेने वाले विदेशी स्टूडेंट्स की क्लासेज़ ऑनलाइन चल रही हैं तो अमेरिका ऐसे स्टूडेंट्स को ना वीज़ा देगा और ना ही उन्हें अपने देश में घुसने देगा. अमेरिका के इस ऐलान से उन हज़ारों भारतीय छात्रों की उम्मीदों को झटका लगा है जो चालू सत्र में पढ़ाई के लिए अमेरिका जाने की तैयारी कर रहे थे.
हाल ही में अमेरिका ने कहा था कि अगर अमेरिकी इंस्टीट्यूशंस में पढ़ाई ऑनलाइन हो गई है तो विदेशी छात्रों का वीज़ा रद्द करके उन्हें उनके देश वापस भेजा जाएगा. मगर हार्वर्ड और एमआईटी समेत बड़े दिग्गज संस्थानों के विरोध के चलते यह फैसला वापस ले लिया गया था.
अब एक बार फिर अमेरिकी कॉलेजों में नोटिस जारी कर यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट ने कहा है कि 9 मार्च के बाद रजिस्ट्रेशन कराने वाले विदेशी स्टूडेंट्स अगर ऑनलाइन क्लासेज़ का विकल्प चुनते हैं तो उन्हें वीज़ा नहीं मिलेगा. हालांकि फिलहाल अमेरिका में रहकर ऑनलाइन क्लासेज़ ले रहे विदेशी छात्रों पर इस फ़ैसले का असर नहीं पड़ेगा. अमेरिका में विश्वविद्यालयों के एक संगठन अमेरिकन काउंसिल ऑन एडुकेशन ने इस फ़ैसले पर निराशा ज़ाहिर की है. संगठन के वाइस प्रेज़िडेंट ब्रैड फर्न्सवर्थ ने कहा कि नई गाइडाइंस निराश करने वाली है. आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की सबसे ज़्यादा संख्या चीनी और भारतीयों की होती है. इस फ़ैसले का असर चीन और भारत के छात्रों पर दिखने लगा है. इस साल दिल्ली विश्वविद्यालय में दाख़िले के लिए रिकॉर्ड अर्ज़ी आई है. आंकड़ों के मुताबिक इस साल दिल्ली यूनिवर्सिटी में कुल 4 लाख 66 हज़ार बच्चे दाख़िले के लिए रजिस्टर कर चुके हैं जोकि पिछले साल के मुक़ाबले 50 हज़ार ज़्यादा है. दिल्ली विश्वविद्यालय ने रजिस्ट्रेशन की तारीख़ भी 18 जुलाई से बढ़ाकर 31 जुलाई कर दिया है.
अब एक बार फिर अमेरिकी कॉलेजों में नोटिस जारी कर यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट ने कहा है कि 9 मार्च के बाद रजिस्ट्रेशन कराने वाले विदेशी स्टूडेंट्स अगर ऑनलाइन क्लासेज़ का विकल्प चुनते हैं तो उन्हें वीज़ा नहीं मिलेगा. हालांकि फिलहाल अमेरिका में रहकर ऑनलाइन क्लासेज़ ले रहे विदेशी छात्रों पर इस फ़ैसले का असर नहीं पड़ेगा. अमेरिका में विश्वविद्यालयों के एक संगठन अमेरिकन काउंसिल ऑन एडुकेशन ने इस फ़ैसले पर निराशा ज़ाहिर की है. संगठन के वाइस प्रेज़िडेंट ब्रैड फर्न्सवर्थ ने कहा कि नई गाइडाइंस निराश करने वाली है. आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की सबसे ज़्यादा संख्या चीनी और भारतीयों की होती है. इस फ़ैसले का असर चीन और भारत के छात्रों पर दिखने लगा है. इस साल दिल्ली विश्वविद्यालय में दाख़िले के लिए रिकॉर्ड अर्ज़ी आई है. आंकड़ों के मुताबिक इस साल दिल्ली यूनिवर्सिटी में कुल 4 लाख 66 हज़ार बच्चे दाख़िले के लिए रजिस्टर कर चुके हैं जोकि पिछले साल के मुक़ाबले 50 हज़ार ज़्यादा है. दिल्ली विश्वविद्यालय ने रजिस्ट्रेशन की तारीख़ भी 18 जुलाई से बढ़ाकर 31 जुलाई कर दिया है.
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