कोरोना वाइरस के खतरे से दुनिया को आगाह करने वाले डॉक्टर की मौत
पूरी दुनिया को जानलेवा कोरोनावाइरस के खतरे से सबसे पहले आगाह करने वाले चीनी डॉक्टर ली वेनलियांग की मौत हो गयी है। उनकी मौत से चीन के लोगो में काफी गुस्सा और गम का माहौल है। इस डॉक्टर की चेतावनी को चीनी प्रशासन ने कैसे दबाने की कोशिश की, जानिये इस रिपोर्ट में।
चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 560 के पार पहुंच चुकी है। इस आंकड़े में अब 34 वर्षीय डॉक्टर ली वेनलियांग भी शामिल हैं,जिन्होंने कोरोनावायरस को लेकर सबसे पहले खतरे की घंटी बजाई थी। उनकी मौत ने चीन के लोगो को गुस्से से भर दिया है। ली वेनलियांग ने जनवरी में ही इस वाइरस के फैलने की चेतावनी दी थी और अपने साथी डॉक्टरों को इसके बारे में चेताया था। लेकिन ऐसा करने पर पुलिस ने उन्हें धमकाया और उनसे कहा कि 'वे अपना मुँह बंद रखें।'
बाद में, डॉक्टर ली ने वुहान के अस्पताल से सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया और लोगों को इस वाइरस की जानकारी दी। इस वीडियो के सामने आते ही, प्रशाशन ने इसे एक अफवाह करार दिया, और ऐसे किसी भी वायरस के फैलने की संभावना को नकार दिया । बीते साल, 30 दिसंबर को एक चैट ग्रुप में भी ली ने अपने साथी डॉक्टरों को संदेश भेजकर इस वायरस के खतरे की चेतावनी देकर एहतियात बरतने को कहा था। ऐसा करने के बाद वे फिर चीन के 'पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो' के अधिकारियों के निशाने पर आ गए और उनके ख़िलाफ़ 'अफ़वाह फैलाने' के आरोप में कड़ी जांच शुरू हो गयी। इसी दौरान ली की तबियत बिगड़ने लगी। दरअसल, चीनी प्रशासन ने कोरोना वायरस के मरीज़ो का इलाज कर रहे डॉक्टरों को किसी प्रकार की कोई चेतावनी जारी नहीं की थी। 10 जनवरी से उन्हें खाँसी शुरू हुई और कुछ ही दिनों में उन्हें तेज़ बुखार भी शुरू हो गया। दो दिन में ही उनकी सेहत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। वीडियो देखिये कोरोना वायरस से बिगड़ते हालातों के चलते केवल 10 दिन बाद ही चीन में कोरोना वायरस के कारण आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई। अब डॉक्टर ली की मौत से चीनी लोगों में काफी गुस्सा है, और ये सारा आक्रोश चीनी प्रशाशन पर केंद्रित है। लोगो का कहना है की अगर डॉक्टर ली की चेतावनी पर समय रहते ध्यान दिया जाता तो उनकी और कई लोगो की जान बचाई जा सकती थी।
बाद में, डॉक्टर ली ने वुहान के अस्पताल से सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया और लोगों को इस वाइरस की जानकारी दी। इस वीडियो के सामने आते ही, प्रशाशन ने इसे एक अफवाह करार दिया, और ऐसे किसी भी वायरस के फैलने की संभावना को नकार दिया । बीते साल, 30 दिसंबर को एक चैट ग्रुप में भी ली ने अपने साथी डॉक्टरों को संदेश भेजकर इस वायरस के खतरे की चेतावनी देकर एहतियात बरतने को कहा था। ऐसा करने के बाद वे फिर चीन के 'पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो' के अधिकारियों के निशाने पर आ गए और उनके ख़िलाफ़ 'अफ़वाह फैलाने' के आरोप में कड़ी जांच शुरू हो गयी। इसी दौरान ली की तबियत बिगड़ने लगी। दरअसल, चीनी प्रशासन ने कोरोना वायरस के मरीज़ो का इलाज कर रहे डॉक्टरों को किसी प्रकार की कोई चेतावनी जारी नहीं की थी। 10 जनवरी से उन्हें खाँसी शुरू हुई और कुछ ही दिनों में उन्हें तेज़ बुखार भी शुरू हो गया। दो दिन में ही उनकी सेहत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। वीडियो देखिये कोरोना वायरस से बिगड़ते हालातों के चलते केवल 10 दिन बाद ही चीन में कोरोना वायरस के कारण आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई। अब डॉक्टर ली की मौत से चीनी लोगों में काफी गुस्सा है, और ये सारा आक्रोश चीनी प्रशाशन पर केंद्रित है। लोगो का कहना है की अगर डॉक्टर ली की चेतावनी पर समय रहते ध्यान दिया जाता तो उनकी और कई लोगो की जान बचाई जा सकती थी।
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