दुनिया में 20 हज़ार और देश में 100 से ज़्यादा स्वास्थ्यकर्मी कोरोना की चपेट में
30 से ज़्यादा राज्यों में फैल चुका कोरोनावायरस 9 हज़ार से ज़्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है. इनमें कम से कम 90 डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिक स्टाफ हैं जो मरीज़ों के संपर्क में आने से कोरोना का शिकार हो गए. मध्यप्रदेश के इंदौर में एक डॉक्टर की कोरोनावायरस से मौत भी हो चुकी है.
कोरोनावायरस का हमला इतना तेज़ होता है कि कई राज्यों में अस्पतालों को बंद करना पड़ा है. मुंबई में वोकहार्ट समेत कई अस्पतालों में कोरोना का संक्रमण फैलने से उन्हें बंद करना पड़ा. वोकहार्ट में 26 नर्सों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई थी. मुंबई में कुछ डॉक्टर भी कोरोना के शिकार हुए हैं. राजधानी में दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को बंद करना पड़ा जहां 20 से ज़्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ गए थे. इनमें कई डॉक्टर और नर्स भी थे. दिल्ली स्थित एम्स के भी दो डॉक्टर कोरोना पॉज़िटिव पाए गए जिनमें एक महिला डॉक्टर नौ महीने की गर्भवती थी. उत्तर प्रदेश के आगरा में कोरोना फैलने की एक वजह एक निजी अस्पताल को माना जा रहा है. पारस नाम के इस अस्पताल से कोरोना का संक्रमण तेज़ी से फैला जिसे सील कर दिया गया. आगरा में अब तक 138 से ज़्यादा कोरोना के मरीज़ मिल चुके हैं. इसी तरह मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में तक़रीबन 75 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉज़िटिव हैं और स्वास्थ्य विभाग ही कोरोना का हॉटस्पॉट बन चुका है. यहां कुल मरीज़ो की संख्या 142 पहुंच गई है. राज्य में चार आईएएस अफ़सर भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. वीडियो देखिए हालांकि कोरोना की चपेट में डॉक्टरों का आना कोई अनोखी बात नहीं है. इटली से लेकर चीन तक हज़ारों डॉक्टर और स्वास्थकर्मी कोरोना का शिकार बन चुके हैं जिसकी वजह से कोरोना के मरीजों के इलाज में भी मुश्किल आती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में 20 हज़ार से ज़्यादा डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना का शिकार हुए हैं. हालांकि यह संख्या और भी ज़्यादा हो सकती है क्योंकि कई देशों से स्वास्थ्यकर्मियों के बारे में रिपोर्ट नहीं आ पा रही है.
कोरोनावायरस के संदिग्धों का पता चलने पर उनका सबसे पहले सामना डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों से होता है. इस दौरान कोरोना का संक्रमण डॉक्टरों, नर्सों को अपनी चपेट में ले लेता है. यही वजह है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के बाद कोरोना के मरीज़ों के लिए कमोबेश सभी राज्यों में विशेष अस्पताल बनाए गए हैं.Till now, around 90 doctors, nurses and paramedics staff have tested positive for #COVID19 across the country: Sources
— ANI (@ANI) April 12, 2020
कोरोनावायरस का हमला इतना तेज़ होता है कि कई राज्यों में अस्पतालों को बंद करना पड़ा है. मुंबई में वोकहार्ट समेत कई अस्पतालों में कोरोना का संक्रमण फैलने से उन्हें बंद करना पड़ा. वोकहार्ट में 26 नर्सों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई थी. मुंबई में कुछ डॉक्टर भी कोरोना के शिकार हुए हैं. राजधानी में दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को बंद करना पड़ा जहां 20 से ज़्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ गए थे. इनमें कई डॉक्टर और नर्स भी थे. दिल्ली स्थित एम्स के भी दो डॉक्टर कोरोना पॉज़िटिव पाए गए जिनमें एक महिला डॉक्टर नौ महीने की गर्भवती थी. उत्तर प्रदेश के आगरा में कोरोना फैलने की एक वजह एक निजी अस्पताल को माना जा रहा है. पारस नाम के इस अस्पताल से कोरोना का संक्रमण तेज़ी से फैला जिसे सील कर दिया गया. आगरा में अब तक 138 से ज़्यादा कोरोना के मरीज़ मिल चुके हैं. इसी तरह मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में तक़रीबन 75 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना पॉज़िटिव हैं और स्वास्थ्य विभाग ही कोरोना का हॉटस्पॉट बन चुका है. यहां कुल मरीज़ो की संख्या 142 पहुंच गई है. राज्य में चार आईएएस अफ़सर भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. वीडियो देखिए हालांकि कोरोना की चपेट में डॉक्टरों का आना कोई अनोखी बात नहीं है. इटली से लेकर चीन तक हज़ारों डॉक्टर और स्वास्थकर्मी कोरोना का शिकार बन चुके हैं जिसकी वजह से कोरोना के मरीजों के इलाज में भी मुश्किल आती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में 20 हज़ार से ज़्यादा डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना का शिकार हुए हैं. हालांकि यह संख्या और भी ज़्यादा हो सकती है क्योंकि कई देशों से स्वास्थ्यकर्मियों के बारे में रिपोर्ट नहीं आ पा रही है.
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