नोटबंदी के बाद 370 की मार, डूबने लगा मुनाफ़ा कमाने वाला जेएंडके बैंक

by Rahul Gautam 3 years ago Views 2185

After demonetization and 370 : J & K Bank started
कभी साल दर साल मुनाफ़ा कमाने वाला जम्मू-कश्मीर का जेएंडके बैंक अब मुश्किल दौर से गुज़र रहा है. इस बैंक के लिए पिछला वित्त वर्ष तो किसी बुरे सपने से कम नहीं जब इसे रिकॉर्ड नुकसान झेलना पड़ा. आंकड़ों के मुताबिक साल 2014 में जेएंडके बैंक 1482 करोड़ के मुनाफे में था जो 2015 में घटकर 508 करोड़ रह गया. 2016 में मुनाफा और घटा और यहा 416 करोड़ पर पहुंच गया. इसी दौरान नोटबंदी हुई और देश के तमाम बैंकों समेत जेएंडके बैंक को भी बड़ा घाटा उठाना पड़ा.

साल 2017 में बैंक को 1 हज़ार 632 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ लेकिन इसके बाद बैंक ने खुद को बेहद तेज़ी से संभाला और अगले साल यानी 2018 में 203 करोड़ और 2019 में 415 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया. यहां यह जानना ज़रूरी है कि इन दो सालों में बैंक नोटबंदी की मार से उबरने की कोशिश कर रहे थे और घाटे में चल रहे थे लेकिन जेएंडके बैंक मुनाफ़ा बढ़ाने में कामयाब हुआ था.


मगर वित्त वर्ष 2020 इस बैंक के लिए किसी बुरे सपने जैसा साबित हुआ और इसकी तक़दीर ने लगभग साथ छोड़ दिया. वित्त वर्ष 2019 के ख़त्म होने के कुछ महीने बाद 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया जिसके झटके को यह बैंक झेल नहीं पाया.

कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने अनुमान लगाया कि अगस्त 2019 से अकेले कश्मीर घाटी में लगभग 40 हज़ार करोड़ का नुकसान हुआ और लगभग 5 लाख नौकरियां चली गईं. इसका सीधा असर पड़ा जम्मू एंड कश्मीर बैंक की माली हालत पर.

बैंक के सीएमडी राजेश छिब्बर ने एक इंटरव्यू में माना है कि वित वर्ष 2019-20 में जेएंडके बैंक को 1140 करोड़ को घाटा हुआ है. इसके अलावा बैंक के नॉन-परफार्मिंग-एसेट यानी एनपीए भी 9 फीसदी से बढ़कर 11 हो गया है.

इस तरह के उतार-चढ़ाव के अलावा बैंक में कथित तौर पर भ्रष्टाचार के मामले भी उजागर हुए हैं जिसका बैंक को काफी नुक्सान हुआ है. जांच कर रही एजेंसियों का आरोप है कि बैंक के कुछ उच्च अधिकारियों ने जान बूझकर ऐसे लोगो को क़र्ज़ दिया जिनका मकसद रकम को गबन करना था. इस मामले के बाद बैंक की छवि को ख़ासा धक्का पंहुचा और पिछले साल जून में इसके शेयर 20 फ़ीसदी तक गिर गए थे.

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