आगरा: चिता से शव उतरवा दिया क्योंकि महिला दलित थी
बढ़ते अपराध की वजह से आलोचना झेल रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की मुश्किलें थमती नहीं दिख रही हैं. अब आगरा में एक श्मशान घाट पर एक महिला का अंतिम संस्कार करने से रोक दिया गया क्योंकि महिला दलित समुदाय से आती थी. यह वाक़िया अछनेरा तहसील के रायभा गांव का है. जब छह साल का बच्चा अपनी मां की चिता को आग देने जा रहा था, तभी गांव के ऊंची जाति के लोगों ने आकर उन्हें रोक दिया और शव चिता से उतरवा दिया.
यह मामला आगरा पुलिस के भी सामने पहुंचा. सर्किल अफ़सर और स्टेशन अफ़सर मौके पर भी पहुंचे लेकिन उसी श्मशान घाट पर दलित महिला का अंतिम संस्कार नहीं करवा सके. इस शर्मनाक घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इस मामले में उच्च स्तरीय जाँच की भी मांग की है. उन्होंने ट्वीट किया कि यूपी में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहां जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्गों के लोगों ने इसलिए चिता से हटा दिया, क्योंकि वह श्मशान-घाट उच्च वर्गों का था, जो यह अति-शर्मनाक व अति-निंदनीय भी है.
Agra: Upper Caste deny cremation of a lower caste woman in Raibha village. Body of the woman was removed from the pyre & cremated at a different place.#SpeakUpForDemocracy pic.twitter.com/MfIVC2WsCS
— Osama Sultan (@OsamaSultan0124) July 26, 2020
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इस मामले में उच्च स्तरीय जाँच की भी मांग की है. उन्होंने ट्वीट किया कि यूपी में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहां जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्गों के लोगों ने इसलिए चिता से हटा दिया, क्योंकि वह श्मशान-घाट उच्च वर्गों का था, जो यह अति-शर्मनाक व अति-निंदनीय भी है.
इस जातिवादी घृणित मामले की यू.पी. सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिये और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिये.1. यू.पी. में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहाँ जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्गों के लोगों ने इसलिए चिता से हटा दिया, क्योंकि वह शमशान-घाट उच्च वर्गों का था, जो यह अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय भी है। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) July 28, 2020
यूपी की आगरा पुलिस जांच का हवाला देकर इस मामले की लीपापोती में जुट गई है. अभी तक आरोपियों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई नहीं की गई है. उत्तर प्रदेश देश के उन राज्यों में शामिल हैं जहां दलित आदिवासी समुदाय के साथ भेदभाव, उत्पीड़न और हिंसा के मामले सबसे ज़्यादा आते हैं.1. यू.पी. में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहाँ जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्गों के लोगों ने इसलिए चिता से हटा दिया, क्योंकि वह शमशान-घाट उच्च वर्गों का था, जो यह अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय भी है। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) July 28, 2020
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