अमेरिकी अरबपति ने कहा - भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं पीएम मोदी
अमेरिकी अरबपति और समाज सेवी जॉर्ज सोरोस ने भारत को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। सोरोस ने आशंका ज़ाहिर की है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई बीजेपी सरकार देश को हिंदू राष्ट्र बनाने पर तुली है और संशोधित नागरिकता क़ानून से भारतीय मुसलमानों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
दावोस में जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में दुनिया के हालातों पर बोलते हुए उन्होंने ये बात कही। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के सरकार के फैसले को दंडात्मक फैसला बताया है। वहीं संशोधिकत नागरिकता क़ानून पर जॉर्ज सोरोस ने कहा, ‘भारत में रहने वाले लाखों मुसलमानों को नागरकिता से वंचित रखने की धमकियां दी जा रही है।’
दावोस में जॉर्ज सोरोस ने कहा,
जॉर्ज सोरोस ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तानाशाह बताया है। उन्होंने कहा, ‘वे कम्युनिस्ट पार्टी कि परंपरा तोड़ रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि शी जिनपिंग के पिता कम्युनिस्ट पार्टी संस्थापकों में से एक थे जिन्हें बाद में पार्टी से निष्काषित कर दिया गया था। उसके बाद से ही शी जिनपिंग का लक्ष्य चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभुत्व को फिर से स्थापित करना था। शी जिनपिंग एक नए तरह की सत्तावादी व्यवस्था चाहते हैं। वे इसे ‘कायाकल्पित’ चीन का ‘चीनी सपना’ कहा, जो दुनियाभर में शक्ति और प्रभाव को पेश करने में सक्षम है। शी जिनपिंग ने कलेक्टिव लीडरशिप की विकसित प्रणाली को समाप्त कर दिया और इसे ख़त्म करने के लिए ताक़त का इस्तेमाल करना तानाशाही है।’ अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर पर उन्होंने कहा, ‘एक ओर डॉनल्ड ट्रंप अपने निजी हितों के लिए राष्ट्रीय हितों का बलिदान कर रहे हैं। और वो राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए कुछ भी करेंगे। दूसरी तरफ, शी जिनपिंग ट्रंप की कमज़ोरियों का फायदा उठाने के लिए तैयार हैं। वो आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के द्वारा अपने लोगों पर नियंत्रण पाने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने खुद के आस-पास सत्ता को केन्द्रित कर रखा है। वे व्यक्तिगत स्वयत्तता को खत्म कर देना चाहते हैं जिसमें खुले समाज के लिये कोई जगह नहीं होगी।’
दावोस में जॉर्ज सोरोस ने कहा,
"सत्ता पर पकड़ बनाने वाले नेताओं में इजाफा हो रहा है। उन्होंने अमेरिका राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को फरेबी बताया है। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप एक फरेबी और संकीर्णतावादी हैं, जो चाहते हैं कि दुनिया उनके इर्द-गिर्द घूमती रहे। जब उनका राष्ट्रपति बनने का सपना पूरा हो गया तो उनकी संकीर्णता ने एक पैथोलॉजिकल डाइमेंशन विकसित किया। वास्तव में, उन्होंने राष्ट्रपति पद पर संविधान द्वारा लगाई गई सीमाओं को बदल दिया है जिसके लिए उनके ख़िलाफ़ महाभियोग लगाया गया है।"
जॉर्ज सोरोस ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तानाशाह बताया है। उन्होंने कहा, ‘वे कम्युनिस्ट पार्टी कि परंपरा तोड़ रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि शी जिनपिंग के पिता कम्युनिस्ट पार्टी संस्थापकों में से एक थे जिन्हें बाद में पार्टी से निष्काषित कर दिया गया था। उसके बाद से ही शी जिनपिंग का लक्ष्य चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभुत्व को फिर से स्थापित करना था। शी जिनपिंग एक नए तरह की सत्तावादी व्यवस्था चाहते हैं। वे इसे ‘कायाकल्पित’ चीन का ‘चीनी सपना’ कहा, जो दुनियाभर में शक्ति और प्रभाव को पेश करने में सक्षम है। शी जिनपिंग ने कलेक्टिव लीडरशिप की विकसित प्रणाली को समाप्त कर दिया और इसे ख़त्म करने के लिए ताक़त का इस्तेमाल करना तानाशाही है।’ अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर पर उन्होंने कहा, ‘एक ओर डॉनल्ड ट्रंप अपने निजी हितों के लिए राष्ट्रीय हितों का बलिदान कर रहे हैं। और वो राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए कुछ भी करेंगे। दूसरी तरफ, शी जिनपिंग ट्रंप की कमज़ोरियों का फायदा उठाने के लिए तैयार हैं। वो आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के द्वारा अपने लोगों पर नियंत्रण पाने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने खुद के आस-पास सत्ता को केन्द्रित कर रखा है। वे व्यक्तिगत स्वयत्तता को खत्म कर देना चाहते हैं जिसमें खुले समाज के लिये कोई जगह नहीं होगी।’
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