नागरिकता संशोधन बिल के ख़िलाफ़ उतरी बीएसपी, कहा - बिल अंसवैधानिक
धर्म के आधार पर नागरिकता देने के लिए लाए जा रहे नागरिकता संशोधन बिल का बहुजन समाज पार्टी ने विरोध किया है. बीएसपी चीफ मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि यह बिल असंवैधानिक है और बीएसपी इसका समर्थन नहीं करती है.
उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन बिल काफी जल्दबाज़ी और अपरिपक्व तरीक़े से ला रही है. यह पूरी तरह विभाजनकारी और असंवैधानिक विधेयक है. इस विधेयक के ज़रिए धर्म के आधार पर नागरकिता और नागरिकों में भेदभाव पैदा करना डॉक्टर आंबेडकर के मानवतावादी और धर्मनिरपेक्ष संविधान की मंशा और बुनियादी ढांचे के विरुद्ध क़दम है. लिहाज़ा, बीएसपी इस बिल के वर्तमान स्वरूप से बिल्कुल भी सहमत नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘इस बिल को ज़बरदस्ती देश पर थोपने की बजाय केंद्र सरकार को इसपर पुनर्विचार करना चाहिए और बेहतर विचार के लिए इसे संसदीय समिति के पास भेजना चाहिए. ताकि यह विधेयक संवैधानिक रूप में देश की जनता के सामने आ सके.’ प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मायावती ने यह भी साफ़ किया कि अगर केंद्र की सरकार देशहित और जनहित में भारतीय संविधान के मुताबिक सही और उचित फैसले लेती है तो बीएसपी दलगत राजनीति से उठकर ज़रूर समर्थन करेगी. उन्होंने जम्मू-कश्मीर का ज़िक्र ख़ासतौर पर करते हुए कहा कि बीएसपी ने धारा 370 हटाए जाने का समर्थन का फैसला डॉक्टर आंबेडकर की सोच के आधार पर और देश की एकता-अखंडता को ध्यान में रखकर ही लिया था. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मायावती ने कांग्रेस पर हमला भी बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां 370 पर बीएसपी के फ़ैसले की आड़ में मुसलमानों को गुमराह करने में लगी है. अगर धारा 370 को लेकर हमारा नज़रिया कुछ और होता तो आज बीएसपी केंद्र सरकार के लाए गए नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में खुलकर खड़ी नहीं होती.
उन्होंने कहा, ‘इस बिल को ज़बरदस्ती देश पर थोपने की बजाय केंद्र सरकार को इसपर पुनर्विचार करना चाहिए और बेहतर विचार के लिए इसे संसदीय समिति के पास भेजना चाहिए. ताकि यह विधेयक संवैधानिक रूप में देश की जनता के सामने आ सके.’ प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मायावती ने यह भी साफ़ किया कि अगर केंद्र की सरकार देशहित और जनहित में भारतीय संविधान के मुताबिक सही और उचित फैसले लेती है तो बीएसपी दलगत राजनीति से उठकर ज़रूर समर्थन करेगी. उन्होंने जम्मू-कश्मीर का ज़िक्र ख़ासतौर पर करते हुए कहा कि बीएसपी ने धारा 370 हटाए जाने का समर्थन का फैसला डॉक्टर आंबेडकर की सोच के आधार पर और देश की एकता-अखंडता को ध्यान में रखकर ही लिया था. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मायावती ने कांग्रेस पर हमला भी बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां 370 पर बीएसपी के फ़ैसले की आड़ में मुसलमानों को गुमराह करने में लगी है. अगर धारा 370 को लेकर हमारा नज़रिया कुछ और होता तो आज बीएसपी केंद्र सरकार के लाए गए नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में खुलकर खड़ी नहीं होती.
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