सीजेआई रंजन गोगोई राज्यसभा जाने को तैयार, शपथग्रहण के बाद मीडिया से करेंगे बात
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को रिटायरमेंट के चार महीने बाद ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए नामित किया है। राज्यसभा में नामित किए जाने के बाद से रंजन गोगोई पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं। जो सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं, तो उधर रंजन गोगोई ने राज्यसभा को ज्वाइन करने की पेशकश को स्वीकार कर लिया है।
कई अहम फैसलों जैसे अयोध्या मामला, राफेल डील, सबरीमाला मंदिर, सरकारी विज्ञापनों में नेताओं की तस्वीरे प्रकाशित करने पर पाबंदी जैसे कई मामलों पर फैसले देने के लिए हमेशा याद रखे जाने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए नामित किया। राज्यसभा के लिए रंजन गोगोई को नामित किए जाने के बाद अब विवाद भी शुरू हो गया है। क्योंकि इनके फैसले ज़्यादातर सरकार के पक्ष में गए थे।
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया की या तो राज्यपाल, चैयरमैन और राज्यसभा वरना तबादले झेलो या इस्तीफे देकर घर जाओ। एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा की क्या ये इनाम हैं? लोगों को जजों की स्वतंत्रता में यकीन कैसे रहेगा? सवाल है। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर उम्मीद जताई कि पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई राज्यसभा सीट की पेशकश को मना कर देंगे। वहीं शिवसेना के सांसद संजय राउत और आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि ऐसे उच्च पदों पर रहे लोगों को राजनीति से दूर रहना चाहिए और इन्हें राज्सभा सीट की पेशकश के लिए मना कर देना चाहिए। वहीं इन सब उथल-पुथल के बीच सीजेआई रंजन गोगोई का बयान आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि मुझे शपथ ग्रहण करने दीजिए फिर मैं मीडिया को विस्तार से बताऊंगा कि मैंने राज्यसभा की सदस्यता क्यों स्वीकार की। करीब 13 महीने देश के 46वें सीजेआई रहे रंजन गोगई ने इस दौरान कुल 47 फैसले सुनाए। 18 नंवबर 1954 को असम में जन्में रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की। 1978 में उन्होंने वकालत के लिए रजिस्ट्रेशन कराया और 28 फरवरी 2001 को उन्हें गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 23 अप्रैल 2012 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया और उसके बाद वो सीजेआई बने। 17 नवंबर 2019 को रंजन गोगोई सीजेआई के पद से रिटायर हुए। वीडियो देखिए राज्यसभा में 12 सदस्य राष्ट्रपति की तरफ से मनोनीत किए जाते हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले जानी-मानी हस्तियां होती हैं। रंजन गोगोई से पहले मोहम्मद हिदायतुल्लाह और रंगनाथ मिश्रा भी सीजेआई के पद से रिटायर होने के बाद राज्यसभा के लिए नामित हो चुके हैं। लेकिन राष्ट्रपति द्वारा नामित होने वाले पहले सांसद जस्टिस गोगोई बनेंगे।
कई अहम फैसलों जैसे अयोध्या मामला, राफेल डील, सबरीमाला मंदिर, सरकारी विज्ञापनों में नेताओं की तस्वीरे प्रकाशित करने पर पाबंदी जैसे कई मामलों पर फैसले देने के लिए हमेशा याद रखे जाने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए नामित किया। राज्यसभा के लिए रंजन गोगोई को नामित किए जाने के बाद अब विवाद भी शुरू हो गया है। क्योंकि इनके फैसले ज़्यादातर सरकार के पक्ष में गए थे।
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया की या तो राज्यपाल, चैयरमैन और राज्यसभा वरना तबादले झेलो या इस्तीफे देकर घर जाओ। एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा की क्या ये इनाम हैं? लोगों को जजों की स्वतंत्रता में यकीन कैसे रहेगा? सवाल है। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर उम्मीद जताई कि पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई राज्यसभा सीट की पेशकश को मना कर देंगे। वहीं शिवसेना के सांसद संजय राउत और आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि ऐसे उच्च पदों पर रहे लोगों को राजनीति से दूर रहना चाहिए और इन्हें राज्सभा सीट की पेशकश के लिए मना कर देना चाहिए। वहीं इन सब उथल-पुथल के बीच सीजेआई रंजन गोगोई का बयान आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि मुझे शपथ ग्रहण करने दीजिए फिर मैं मीडिया को विस्तार से बताऊंगा कि मैंने राज्यसभा की सदस्यता क्यों स्वीकार की। करीब 13 महीने देश के 46वें सीजेआई रहे रंजन गोगई ने इस दौरान कुल 47 फैसले सुनाए। 18 नंवबर 1954 को असम में जन्में रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की। 1978 में उन्होंने वकालत के लिए रजिस्ट्रेशन कराया और 28 फरवरी 2001 को उन्हें गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 23 अप्रैल 2012 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया और उसके बाद वो सीजेआई बने। 17 नवंबर 2019 को रंजन गोगोई सीजेआई के पद से रिटायर हुए। वीडियो देखिए राज्यसभा में 12 सदस्य राष्ट्रपति की तरफ से मनोनीत किए जाते हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले जानी-मानी हस्तियां होती हैं। रंजन गोगोई से पहले मोहम्मद हिदायतुल्लाह और रंगनाथ मिश्रा भी सीजेआई के पद से रिटायर होने के बाद राज्यसभा के लिए नामित हो चुके हैं। लेकिन राष्ट्रपति द्वारा नामित होने वाले पहले सांसद जस्टिस गोगोई बनेंगे।
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