सूरत में कोरोना के मरीज़ों में बड़ा उछाल, पांच इलाक़ों में 22 अप्रैल तक कर्फ्यू लगाया
गुजरात के औद्योगिक शहर सूरत के पांच इलाक़ों में 22 अप्रैल तक कर्फ्यू लगा दिया गया है. यहां बुधवार शाम छह बजे से गुरुवार सुबह 10 बजे तक 35 नए मामले मिलने के बाद राज्य सरकार ने कर्फ्यू का ऐलान किया है. कर्फ्यू के दौरान हर दिन दोपहर में एक बजे से शाम चार बजे तक ज़रूरी सामानों की ख़रीद के लिए छूट मिलेगी.
गुजरात में कोरोना संक्रमण के सबसे ज़्यादा 492 मामले अहमदाबाद में आए हैं. वहीं वड़ोदरा में 127 और सूरत में संक्रमित मरीज़ों की कुल संख्या 86 हो गई है. सूरत प्रशासन को कोरोना की चुनौती के साथ-साथ मज़दूरों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. यहां हज़ारों की संख्या में मज़दूर दो-दो बार लॉकडाउन तोड़कर बाहर निकल आए. मज़दूरों का आरोप है कि उनके मालिक से उन्हें महीने की तनख़्वाह नहीं मिल रही है और वे अपने घर वापस जाना चाहते हैं. इनमें ज़्यादातर मज़दूर यूपी, बिहार जैसे राज्यों के हैं.
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के सचिव अश्विनी कुमार के मुताबिक कोरोना के तेज़ी से बढ़ते मामलों के मद्देनज़र पांच थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया गया है. कर्फ्यू सलबतपुरा, महाधरपुरा, लालगेट, अठवालींस और लिंबायत इलाक़े के कमरुनगर में लगाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि हर दिन तीन घंटे मिलने वाली छूट के दौरान सिर्फ औरतों को घर से बाहर जाने की इजाज़त होगी.Curfew in parts of Surat from Thursday midnight to contain spread of COVID-19: Govt official
— Press Trust of India (@PTI_News) April 16, 2020
गुजरात में कोरोना संक्रमण के सबसे ज़्यादा 492 मामले अहमदाबाद में आए हैं. वहीं वड़ोदरा में 127 और सूरत में संक्रमित मरीज़ों की कुल संख्या 86 हो गई है. सूरत प्रशासन को कोरोना की चुनौती के साथ-साथ मज़दूरों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. यहां हज़ारों की संख्या में मज़दूर दो-दो बार लॉकडाउन तोड़कर बाहर निकल आए. मज़दूरों का आरोप है कि उनके मालिक से उन्हें महीने की तनख़्वाह नहीं मिल रही है और वे अपने घर वापस जाना चाहते हैं. इनमें ज़्यादातर मज़दूर यूपी, बिहार जैसे राज्यों के हैं.
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