कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी जारी, पांच दिनों में 8 फीसदी की उछाल
ईरान के प्रमुख जनरल क़ासिम सुलेमानी की अमेरिकी हमले में मौत के बाद कच्चे तेल क़ीमतें लगातार बढ़ रही हैं. अमेरिकी हमले के बाद ईरान की जवाबी कार्रवाई से क़ीमतों में और उछाल देखा गया है.
ईरान के प्रमुख कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी की अमेरिकी हमले में मौत के बाद से मध्यपूर्व में जंग के बादल मंडरा रहे हैं. इसकी वजह से कच्चे तेल की क़ीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कच्चे तेल की क़ीमतें तय करने वाले संगठन ब्रेंट क्रूड के मुताबिक महज़ पांच दिनों में क्रूड ऑयल की क़ीमतों में तक़रीबन आठ फीसदी का उछाल आया है. 3 जनवरी को अमेरिकी हमले से पहले क्रूड ऑयल की क़ीमतें 66.35 डॉलर प्रति बैरल था जो अब बढ़कर 71.11 डॉलर प्रति बैरल हो गया है. यानी महज़ पांच दिनों में कच्चे तेल की क़ीमतों में 5 डॉलर प्रति बैरल से ज़्यादा का उछाल आया है.
एक अन्य संगठन डब्ल्यूटीआई के मुताबिक 3 जनवरी को अमेरिकी हमले के बाद से कच्चे तेल की क़ीमत 62.90 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 64.94 डॉलर हो गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर मध्य पूर्व पर जंग के आसार नहीं टले तो आने वाले समय में कच्चे तेल के दामों में और बढ़ोतरी हो सकती है। अगर कीमतों में उछाल होता है तो भारत में इसका सीधा असर देखने को मिलेगा. अमेरिकी पाबंदी के बाद भारत ने ईरान से तेल आयात करना कम कर दिया है जबकि साल 2017-18 में भारत ने ईरान से 22.59 मिलियन टन कच्चे तेल का आयात किया था. इसी तरह साल 2018-19 में भारत ने ईरान से 23.9 मिलियन टन तेल का आयात किया था. वीडियो देखिये बता दें कि इराक़ के बग़दाद हवाई अड्डे के बाहर 3 जनवरी को अमेरिकी हमले में ईरान की कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल क़ासिम सुलेमानी समेत कम से कम सात लोगों की मौत हो गई थी. अब जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान ने इराक़ में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर रॉकेट दागे हैं. ईरानी मीडिया के मुताबिक इस हमले में कम से कम 80 अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं. ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेताय अली ख़ामनेई ने इसे अमेरिका के मुंह पर एक तमाचा क़रार दिया है.
एक अन्य संगठन डब्ल्यूटीआई के मुताबिक 3 जनवरी को अमेरिकी हमले के बाद से कच्चे तेल की क़ीमत 62.90 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 64.94 डॉलर हो गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर मध्य पूर्व पर जंग के आसार नहीं टले तो आने वाले समय में कच्चे तेल के दामों में और बढ़ोतरी हो सकती है। अगर कीमतों में उछाल होता है तो भारत में इसका सीधा असर देखने को मिलेगा. अमेरिकी पाबंदी के बाद भारत ने ईरान से तेल आयात करना कम कर दिया है जबकि साल 2017-18 में भारत ने ईरान से 22.59 मिलियन टन कच्चे तेल का आयात किया था. इसी तरह साल 2018-19 में भारत ने ईरान से 23.9 मिलियन टन तेल का आयात किया था. वीडियो देखिये बता दें कि इराक़ के बग़दाद हवाई अड्डे के बाहर 3 जनवरी को अमेरिकी हमले में ईरान की कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल क़ासिम सुलेमानी समेत कम से कम सात लोगों की मौत हो गई थी. अब जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान ने इराक़ में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर रॉकेट दागे हैं. ईरानी मीडिया के मुताबिक इस हमले में कम से कम 80 अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं. ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेताय अली ख़ामनेई ने इसे अमेरिका के मुंह पर एक तमाचा क़रार दिया है.
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