विकास दुबे गैंग के दो गुर्गों को पनाह देने वाले ग्वालियर से गिरफ़्तार
गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर विवादों में घिरा हुआ है लेकिन यूपी पुलिस की छापेमारी और गिरफ्तारी की कार्रवाई जारी है. अब यूपी पुलिस ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में छापेमारी करके ओम प्रकाश पाण्डेय और अनिल पाण्डेय नाम के शख़्श को हिरासत में लिया है.
कानपुर की चौबेपुर पुलिस के मुताबिक ओम प्रकाश पांडेय और अनिल पांडेय आपराधिक छवि वाले हैं जिन्होंने ग्वालियर में अपने घर में विकास के दो गुर्गों शशिकांत पांडेय और शिवम दुबे को छिपा रखा था.
यूपी पुलिस कानपुर कांड में अब तक विकास दुबे समेत 6 नामजद लोगों का एनकाउंटर कर चुकी है और तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. कई अन्य मुलज़िमों की तलाश में भी छापेमारी की जा रही है. इस बीच विकास दुबे के एनकाउंटर पर उठ रहे सवाल थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. तमाम विपक्षी दल अब सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जाँच करने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस महासचिव और यूपी कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गाँधी ने बोला है कि कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- यह सच सामने आना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से इसकी न्यायिक जाँच होनी चाहिए.
यूपी पुलिस कानपुर कांड में अब तक विकास दुबे समेत 6 नामजद लोगों का एनकाउंटर कर चुकी है और तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. कई अन्य मुलज़िमों की तलाश में भी छापेमारी की जा रही है. इस बीच विकास दुबे के एनकाउंटर पर उठ रहे सवाल थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. तमाम विपक्षी दल अब सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जाँच करने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस महासचिव और यूपी कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गाँधी ने बोला है कि कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- यह सच सामने आना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से इसकी न्यायिक जाँच होनी चाहिए.
वहीँ बीएसपी सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि विकास दुबे को मध्यप्रदेश से कानपुर लाते समय पुलिस की गाड़ी के पलटने और उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने के मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए. साथ ही, पुलिस और आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की शिनाख्त कर सख्त सजा दिलाई जानी चाहिए. वहीँ पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने तो इसे फर्जी एनकाउंटर करार देते हुए कहा कि कार नहीं पलटी सरकार पलटने से बचाई गई.उप्र की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है। राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है। कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 10, 2020
कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- ये सच सामने आना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जाँच होनी चाहिए pic.twitter.com/vRHQlsaJ3y
1. कानपुर पुलिस हत्याकाण्ड की तथा साथ ही इसके मुख्य आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे को मध्यप्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) July 10, 2020
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