दिल्लीवालों ने पेश की इंसानियत की शानदार मिसालें, दंगाइयों के हौसले पस्त हुए
राजधानी दिल्ली का एक हिस्सा पिछले 4 दिनों से सांप्रदायिक हिंसा की आग में धधक रहा है लेकिन हिंसाग्रस्त इलाकों से ही हिन्दू-मुस्लिम एकता की तमाम मिसालें सामने आई हैं. दंगाइयों को भगाने के लिए दोनों समुदायों ने अपने-अपने मुहल्ले में शांति मार्च निकाले तो रात-रातभर जागकर दूसरों के घरों, दुकानों की हिफाज़त की.
राजधानी दिल्ली का उत्तर पूर्वी ज़िला नफ़रत की आग में बेशक जलता रहा लेकिन इसकी आंच इंसानियत में यक़ीन रहने वालों तक नहीं पहुंच सकी. जब बाहरी इलाक़ों के दंगाई लूटपाट, आगज़नी और मारपीट के इरादे से ब्रह्मपुरी, बृजपुरी, यमुना विहार और चांद बाग़ जैसे इलाक़ों में घुसने की कोशिश कर रहे थे, तब वहां बसने वाले हिंदू और मुसलमान अपने मुहल्लों को बचाने के लिए कंधे से कंधा जोड़कर आगे खड़े हो गए. 25 फरवरी को बृजपुरी के हिंदू और मुसलमानों ने क़ौमी एकता का नारा देते हुए मार्च निकाला और दंगाइयों के मंसूबों पर पानी फेर दिया.
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा का तांडव देखने के बाद तिमारपुर, शास्त्री पार्क, वज़ीराबाद जैसे दूसरे इलाकों में भी लोग अपने मुहल्लों से निकल आए, पूरी रात अपने घरों के बाहर पहरा दिया ताकि दंगाइयों की काली नज़रों से अपनों को बचाया जा सके. 25 तारीख़ की शाम अफ़वाह उड़ी कि लक्ष्मी नगर इलाक़े में भी सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई है जिसके बाद सभी धर्मों के लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. यहाँ हिन्दू मुस्लिम एकता ज़िंदाबाद के नारे गूंजने लगे. यहां हिंदू मुसलमानों से कहते कि तुम बिरयानी खिलाओ, हलवा हम खिलाएंगे. अशोक नगर इलाक़े में दंगाइयों ने एक मस्जिद पर हमला कर दिया था. अगली सुबह यहां मुहल्ले के हिंदू और मुसलमान पहुंचे और ज़मीन पर बिखरे पवित्र ग्रंथ के पन्नों को समेटते रहे. इसी तरह हिंसाग्रस्त चांदबाग इलाके में मुसलमानों ने एक दुर्गा मंदिर की हिफाज़त की और दंगाइयों को उसे नुकसान पहुंचने नहीं दिया. सीलमपुर के जे ब्लॉक में भी हिन्दुओं ने सड़क जाम कर दी ताकि मुसलमानों पर दंगाई हमला न कर सकें. वीडियो देखिये हिंदू-मुस्लिम एकता से इतर सिख समुदाय भी अमन बहाली के अभियान में कूद पड़ा है. उत्तरी दिल्ली के नानक पिआओ, मजनू का टीला और श्री गुरु सिंह सभा कल्याण विहार ने भी अपने दरवाज़े ज़रूरतमंद लोगो के खोल दिए.
राजधानी दिल्ली का उत्तर पूर्वी ज़िला नफ़रत की आग में बेशक जलता रहा लेकिन इसकी आंच इंसानियत में यक़ीन रहने वालों तक नहीं पहुंच सकी. जब बाहरी इलाक़ों के दंगाई लूटपाट, आगज़नी और मारपीट के इरादे से ब्रह्मपुरी, बृजपुरी, यमुना विहार और चांद बाग़ जैसे इलाक़ों में घुसने की कोशिश कर रहे थे, तब वहां बसने वाले हिंदू और मुसलमान अपने मुहल्लों को बचाने के लिए कंधे से कंधा जोड़कर आगे खड़े हो गए. 25 फरवरी को बृजपुरी के हिंदू और मुसलमानों ने क़ौमी एकता का नारा देते हुए मार्च निकाला और दंगाइयों के मंसूबों पर पानी फेर दिया.
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा का तांडव देखने के बाद तिमारपुर, शास्त्री पार्क, वज़ीराबाद जैसे दूसरे इलाकों में भी लोग अपने मुहल्लों से निकल आए, पूरी रात अपने घरों के बाहर पहरा दिया ताकि दंगाइयों की काली नज़रों से अपनों को बचाया जा सके. 25 तारीख़ की शाम अफ़वाह उड़ी कि लक्ष्मी नगर इलाक़े में भी सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई है जिसके बाद सभी धर्मों के लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. यहाँ हिन्दू मुस्लिम एकता ज़िंदाबाद के नारे गूंजने लगे. यहां हिंदू मुसलमानों से कहते कि तुम बिरयानी खिलाओ, हलवा हम खिलाएंगे. अशोक नगर इलाक़े में दंगाइयों ने एक मस्जिद पर हमला कर दिया था. अगली सुबह यहां मुहल्ले के हिंदू और मुसलमान पहुंचे और ज़मीन पर बिखरे पवित्र ग्रंथ के पन्नों को समेटते रहे. इसी तरह हिंसाग्रस्त चांदबाग इलाके में मुसलमानों ने एक दुर्गा मंदिर की हिफाज़त की और दंगाइयों को उसे नुकसान पहुंचने नहीं दिया. सीलमपुर के जे ब्लॉक में भी हिन्दुओं ने सड़क जाम कर दी ताकि मुसलमानों पर दंगाई हमला न कर सकें. वीडियो देखिये हिंदू-मुस्लिम एकता से इतर सिख समुदाय भी अमन बहाली के अभियान में कूद पड़ा है. उत्तरी दिल्ली के नानक पिआओ, मजनू का टीला और श्री गुरु सिंह सभा कल्याण विहार ने भी अपने दरवाज़े ज़रूरतमंद लोगो के खोल दिए.
Latest Videos