तंगी के दौर में महंगाई की मार, 10 रुपए किलो में बिकने वाला आलू 40 रुपए का हुआ

by Ankush Choubey 3 years ago Views 1933

During the time of inflation, inflation hit, potat
कोराना काल में गहराते आर्थिक संकट के बीच सब्ज़ियों के दाम आसमान छू रहे हैं. आलू, टमाटर, कद्दू, लौकी, तोरई के दाम इतने बढ़ गए कि आम आदमी की थाली से ये सब्ज़ियां दूर हो गई हैं. सबसे ज़्यादा उछाल आलू के दाम में देखने को मिल रहा है और खुदरा बाज़ार में एक किलो आलू की क़ीमत 35 से 45 रूपए किलो तक पहुंच गई है. हालांकि एक महीने पहले दिल्ली में आलू 10 से 15 रुपये किलो के हिसाब से बिक रहा था.

दिल्ली की आज़ादपुर मंडी के कारोबारियों के मुताबिक लॉकडाउन के चलते मंडी में आलू नहीं पुहंच रहा है और इस बार उत्पादन भी कम हुआ है. लॉकडाउन के चलते कई क्विंटल आलू कोल्ड स्टोरेज में रखे-रखे सड़ गए.


आंकड़े बताते हैं कि साल 2019-20 में कुल 36 करोड़ बैग आलू का उत्पादन किया गया. एक बैग में 50 किलो आलू होता है. आगरा जिले के खंदौली गाँव में किसान और कोल्ड स्टोर के मालिक डूंगर सिंह चौधरी के बताया कि 2019 -20 में किसानों ने आलू का जितना उत्पादन किया था, उसमें से 25 प्रतिशत उन्होंने कोल्ड स्टोरेज में भेज दिया जबकि वो उत्पादन का 15 प्रतिशत अगली फसल की बुआई के लिए प्रयोग करेंगे और ऐसे में अब उनके पास सिर्फ 60 प्रतिशत आलू बाक़ी बचा हुआ है.

आलू के आलावा टमाटर के दाम भी आसमान छू रहे हैं. दिल्ली के बाज़ार में एक किलो टमाटर की कीमत 45 से 60 हो गई है जबकि दो महीने पहले खुदरा बाज़ार में यह लगभग 20 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा था. वहीं इसी साल दिल्ली में 150 रूपए प्रति किलो के हिसाब से बिकने वाली प्याज़ अब 15 से 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है. अगर बाकी सब्ज़ियों की बात करें तो दिल्ली में कद्दू-20, लौकी 20, तुरई 30, कटहल 40, बंदगोभी 40, बैगन 60, नींबू 80, हरी मिर्च-60 तो हरी धनिया 200 रूपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है. सब्ज़ियों के दामों में महंगाई की एक वजह डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी भी मानी जा रही है. पिछले महीने तेल कंपनियों की बढ़ोतरी के चलते डीज़ल 10 रुपए तक महंगा हो चुका है.

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