DU के 4,500 टीचर्स की नौकरी ख़तरे में, DUTA ने हड़ताल बुलाई
दिल्ली यूनिवर्सिटी में एग्ज़ाम शुरू हो गए हैं लेकिन यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे हज़ारों टीचर्स हड़ताल पर हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स असोसिएशन की यह हड़ताल यूनिवर्सिटी प्रशासन के एक फ़ैसले के ख़िलाफ़ है जिससे यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे तक़रीबन साढ़े चार हज़ार एड हॉक टीचर्स का भविष्य अधर में लटक गया है.
प्रदर्शनकारियों के मुताबिक डीयू में एड हॉक टीचर्स की भर्ती की व्यवस्था ख़त्म करके गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति शुरू की जा रही है. यूनिवर्सिटी के इस फैसले से सालों से यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे साढ़े चार हज़ार एड हॉक टीचर्स अचानक नौकरी गंवा देंगे.
प्रदर्शनकारी शिक्षकों का यह भी कहना है कि इस फैसले से शिक्षा की गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ेगा. डीयू में एड हॉक टीचर्स क्लासेज़ के अलावा एग्ज़ाम के पेपर तैयार करने से लेकर एग्ज़ाम कराने जैसे अहम प्रशासनिक कामकाज भी करते हैं लेकिन गेस्ट टीचर्स सिर्फ क्लासेज़ लेंगे. डीयू टीचर्स असोसिएशन ने एक बयान जारी कर कहा है कि जब तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से एड-हॉक टीचर्स पर फैसला नहीं लिया जाता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा. डूटा इस आंदोलन को कामयाब बनाने के लिए स्टूडेंट्स, पेरेंट्स और राजनीतिक दलों से भी संपर्क कर रहा है. डीयू टीचर्स ने स्टूडेंट्स के लिए भी एक संदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि जब आप परीक्षा देने पहुंचेंगे तो आप हमें अपनी ड्यूटी से ग़ैरहाज़िर पाएंगे, इससे आपकी परीक्षा में बाधा आएगी. यह न आपके लिए प्रीतिकर है न हमारे लिए. हमें इस हड़ताल पर मजबूरी में जाना पड़ा है क्योंकि आपके वे सभी शिक्षक जो एड हॉक सेवाएं दे रहे थे, जिनकी संख्या विश्वविद्यालय में 5000 के लगभग है, उन्हें प्रशासन ने एक झटके से एक तानाशाही चिट्ठी के ज़रिए नौकरी से बाहर कर दिया है.
प्रदर्शनकारी शिक्षकों का यह भी कहना है कि इस फैसले से शिक्षा की गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ेगा. डीयू में एड हॉक टीचर्स क्लासेज़ के अलावा एग्ज़ाम के पेपर तैयार करने से लेकर एग्ज़ाम कराने जैसे अहम प्रशासनिक कामकाज भी करते हैं लेकिन गेस्ट टीचर्स सिर्फ क्लासेज़ लेंगे. डीयू टीचर्स असोसिएशन ने एक बयान जारी कर कहा है कि जब तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से एड-हॉक टीचर्स पर फैसला नहीं लिया जाता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा. डूटा इस आंदोलन को कामयाब बनाने के लिए स्टूडेंट्स, पेरेंट्स और राजनीतिक दलों से भी संपर्क कर रहा है. डीयू टीचर्स ने स्टूडेंट्स के लिए भी एक संदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि जब आप परीक्षा देने पहुंचेंगे तो आप हमें अपनी ड्यूटी से ग़ैरहाज़िर पाएंगे, इससे आपकी परीक्षा में बाधा आएगी. यह न आपके लिए प्रीतिकर है न हमारे लिए. हमें इस हड़ताल पर मजबूरी में जाना पड़ा है क्योंकि आपके वे सभी शिक्षक जो एड हॉक सेवाएं दे रहे थे, जिनकी संख्या विश्वविद्यालय में 5000 के लगभग है, उन्हें प्रशासन ने एक झटके से एक तानाशाही चिट्ठी के ज़रिए नौकरी से बाहर कर दिया है.
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