कोरोना वायरस महामारी पर जी-20 देशों की वर्चुअल समिट आज
गुरूवार से जी-20 वर्चुअल समिट होने जा रही है। ये सम्मेलन कोरोना वायरस के कारण हुई महामारी के चलते होगी। कोरोना वायरस के कारण हो रही लॉकडाउन से पड़ने वाले प्रभाव और महामारी के संकट पर चर्चा होगी। इसकी अध्यक्षता सऊदी अरब कर रहा है। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के कई शीर्ष नेता कोरोनावायरस महामारी से निपटने के उपायों पर चर्चा करेंगे।
बता दें कि इस वायरस से अब तक दुनिया भर में 20 हजार से ज़्यादा लोगों की जानें जा चुकी है और अर्थव्यवस्था ठप्प होने की कगार पर है। इस वैश्विक संकट से निपटने को लेकर समूह की बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों द्वारा तेजी से कदम न उठाने को लेकर आलोचना हो रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ ‘बैठक में कोरोनावायरस महामारी और उसके मानवीय व आर्थिक प्रभाव से निपटने के ज़रूरी उपायों पर विचार किया जाएगा।’ बैठक में इटली, स्पेन, जार्डन, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड जैसे कोरोनावायरस से अधिक प्रभावित देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। साथ ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भी चर्चा में हिस्सा लेंगे। जानकारी के मुताबिक़ प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मलेन में कोरोनावायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई को वैश्विक लड़ाई में बदलने पर विचार कर सकते हैं। जहां सभी देश अपने हेल्थ एजुकेशन और संसाधनों के माध्यम से वायरस के संक्रमण को रोकने में कामयाबी हासिल कर सकें। जी-20 बैठक का उद्देश्य सदस्य देशों के लिए महामारी की स्थिति को काबू में करने की कोशिश होगी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, डब्ल्यूएचओ, विश्व व्यापार संगठन, आईएमएफ जैसे संगठन भी शामिल होंगे। बता दें कि जी-20 देशों में भारत के अलावा, अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ ‘बैठक में कोरोनावायरस महामारी और उसके मानवीय व आर्थिक प्रभाव से निपटने के ज़रूरी उपायों पर विचार किया जाएगा।’ बैठक में इटली, स्पेन, जार्डन, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड जैसे कोरोनावायरस से अधिक प्रभावित देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। साथ ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भी चर्चा में हिस्सा लेंगे। जानकारी के मुताबिक़ प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मलेन में कोरोनावायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई को वैश्विक लड़ाई में बदलने पर विचार कर सकते हैं। जहां सभी देश अपने हेल्थ एजुकेशन और संसाधनों के माध्यम से वायरस के संक्रमण को रोकने में कामयाबी हासिल कर सकें। जी-20 बैठक का उद्देश्य सदस्य देशों के लिए महामारी की स्थिति को काबू में करने की कोशिश होगी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, डब्ल्यूएचओ, विश्व व्यापार संगठन, आईएमएफ जैसे संगठन भी शामिल होंगे। बता दें कि जी-20 देशों में भारत के अलावा, अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है।
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