लॉकडाउन: ट्रक एक्सिडेंट में पांच प्रवासी मज़दूरों की मौत, अबतक 69 की गई जान
मध्य प्रदेश में एक ट्रक एक्सिडेंट में पांच प्रवासी मज़दूरों की मौत हो गई है और 13 लोग घायल हो गए हैं. ये मज़दूर तेलंगाना से उत्तर प्रदेश जा रहे थे.
नरसिंहपुर जिला कलेक्टर के मुताबिक़ ट्रक में 18 लोग सवार थे, जिसमें एक ड्राइवर और खलासी शामिल है. ट्रक में आम लदे थे और ट्रक तेलंगाना से आगरा जा रहा था. इन 18 लोगों में एक शख्स को तीन दिनों से खांसी, बुखार और कफ की शिकायत है. हालांकि मृत समेत इन सभी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं.
बता दें कि डेढ़ महीने की लॉकडाउन की अवधि में अबतक 69 प्रवासी मज़दूरों की मौत हो चुकी है. ये सभी लॉकडाउन की वजह से अपने घर को जा रहे थे. इनमें 19 लोगों की मौत ट्रेन एक्सिडेंट में हुई. एमपी की ताज़ा घटना के बाद 38 लोगों की मौत रोड एक्सिडेंट में हुई है. जबकि 12 लोग घर की राह पर पैदल चलने के कारण थकान से अपनी जान गंवा दिए. यही नहीं एक डेटा वेबसाइट देजेश जीएन के मुताबिक़ 22 मार्च से अबतक 369 ऐसे लोगों की जान गई है जिसमें कहीं न कहीं लॉकडाउन एक वजह रही. इनमें 35 लोगों में कोरोना से संक्रमित होने का ख़ौफ था. कमोबेश, 16 लोगों ने आर्थिक तंगी और तीन लोगों ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के कारण आत्महत्या कर ली. 20 लोगों ने भूख से दम तोड़ दिया. छह की मौत पुलिस के पीटने के कारण हुई. वहीं रिपोर्ट के मुताबिक़ दो लोगों की मौत सैनिटाइज़र पीने से हुई. दो औरतों ने लॉकडाउन में अपने पति के फंसे होने कारण आत्महत्या कर ली. जबकि तीन लोगों ने लॉकडाउन में काम बंद होने के कारण अपनी जान गंवा दी और अन्य लोगों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई जिसमें लॉकडाउन की भागीदारी रही। बता दें कि देशभर में कोरोना के मामले 63 हज़ार के करीब पहुंच चुके हैं। जिनमें 2109 लोगों की मौत हुई है और 19,357 मरीज़ ठीक हुए हैं।
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बता दें कि डेढ़ महीने की लॉकडाउन की अवधि में अबतक 69 प्रवासी मज़दूरों की मौत हो चुकी है. ये सभी लॉकडाउन की वजह से अपने घर को जा रहे थे. इनमें 19 लोगों की मौत ट्रेन एक्सिडेंट में हुई. एमपी की ताज़ा घटना के बाद 38 लोगों की मौत रोड एक्सिडेंट में हुई है. जबकि 12 लोग घर की राह पर पैदल चलने के कारण थकान से अपनी जान गंवा दिए. यही नहीं एक डेटा वेबसाइट देजेश जीएन के मुताबिक़ 22 मार्च से अबतक 369 ऐसे लोगों की जान गई है जिसमें कहीं न कहीं लॉकडाउन एक वजह रही. इनमें 35 लोगों में कोरोना से संक्रमित होने का ख़ौफ था. कमोबेश, 16 लोगों ने आर्थिक तंगी और तीन लोगों ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के कारण आत्महत्या कर ली. 20 लोगों ने भूख से दम तोड़ दिया. छह की मौत पुलिस के पीटने के कारण हुई. वहीं रिपोर्ट के मुताबिक़ दो लोगों की मौत सैनिटाइज़र पीने से हुई. दो औरतों ने लॉकडाउन में अपने पति के फंसे होने कारण आत्महत्या कर ली. जबकि तीन लोगों ने लॉकडाउन में काम बंद होने के कारण अपनी जान गंवा दी और अन्य लोगों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई जिसमें लॉकडाउन की भागीदारी रही। बता दें कि देशभर में कोरोना के मामले 63 हज़ार के करीब पहुंच चुके हैं। जिनमें 2109 लोगों की मौत हुई है और 19,357 मरीज़ ठीक हुए हैं।
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