देश में 12 करोड़ से ज़्यादा दिहाड़ी मज़दूर, सबसे ज्यादा यूपी, बिहार के: आंकड़े
देशभर में लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं लेकिन राजधानी दिल्ली समेत तमाम महानगरों से दिहाड़ी मज़दूरों का पलायन जारी है. हज़ारों की तादाद में दिहाड़ी मज़दूर अलग-अलग राज्यों की सीमाओं पर देखे जा सकते हैं. महामारी से लड़ने के लिए उठाया गया कदम अब मानवीय संकट बनता जा रहा है।
अन्तरराष्ट्रीय संगठन इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन की साल 2012 की रिपोर्ट बताती है की देश में 40 करोड़ लोग कामकाजी है और इसमें से 12 करोड़ दिहाड़ी मज़दूर है। ज़ाहिर है ये साल 2020 चल रहा है और अब ये आंकड़ा बढ़ा ही होगा। अब आप अंदाज़ा लगा सकते है की देश में इन दिहाड़ी मज़दूरों के पलायन से कितना बड़ा संकट पैदा हो रहा है।
देश में रोजी-रोटी के लिए सबसे ज़्यादा लोग पलायन उत्तर प्रदेश और बिहार से करते हैं। इन दो राज्यों से 2011 के सेन्सस के आंकड़ों के मुताबिक दो करोड़ से ज्यादा लोगों ने पलायन किया। एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश पलायन करने वाले लोगों के कुल आंकड़े का ये 37 फीसदी है। उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश से सबसे ज़्यादा लोग पलायन करते हैं। आसान शब्दों में कहें तो जो दिहाड़ी मज़दूर सड़क पर पैदल अपने घर जा रहे हैं, वो इन्हीं राज्यों को वापिस लौट रहे हैं। अगर बात करें की कौन से ऐसे राज्य हैं, जहां सबसे ज़्यादा लोग पलायन करके जाते हैं। तो ऐसे में दिल्ली और मुंबई पलायन करने वालों की पहली पसंद होती है। सेन्सस 2011 के मुताबिक़ दिल्ली और मुंबई में लगभग एक करोड़ लोग दूसरे राज्यों से आए। ज़ाहिर है कि इस संकट की सबसे ज़्यादा भयावह तस्वीरें इन्हीं जगहों से आ रही है। इसके अलावा गुजरात और हरियाणा में भी बहुत लोग अपने घर से दूर रहकर काम करते हैं। स्वास्थ मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के कुल 720 ज़िलों में से, केवल 132 ज़िलों में कोरोना के मरीज पाए गए हैं। तो सवाल उठता है कि क्या इसके निपटने के लिए पूरे देश को ताला लगाना ज़रूरी था या फिर केवल इन्हीं ज़िलों को अलग-थलग कर कोरोना से लड़ाई जीती जा सकती थी?
देश में रोजी-रोटी के लिए सबसे ज़्यादा लोग पलायन उत्तर प्रदेश और बिहार से करते हैं। इन दो राज्यों से 2011 के सेन्सस के आंकड़ों के मुताबिक दो करोड़ से ज्यादा लोगों ने पलायन किया। एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश पलायन करने वाले लोगों के कुल आंकड़े का ये 37 फीसदी है। उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश से सबसे ज़्यादा लोग पलायन करते हैं। आसान शब्दों में कहें तो जो दिहाड़ी मज़दूर सड़क पर पैदल अपने घर जा रहे हैं, वो इन्हीं राज्यों को वापिस लौट रहे हैं। अगर बात करें की कौन से ऐसे राज्य हैं, जहां सबसे ज़्यादा लोग पलायन करके जाते हैं। तो ऐसे में दिल्ली और मुंबई पलायन करने वालों की पहली पसंद होती है। सेन्सस 2011 के मुताबिक़ दिल्ली और मुंबई में लगभग एक करोड़ लोग दूसरे राज्यों से आए। ज़ाहिर है कि इस संकट की सबसे ज़्यादा भयावह तस्वीरें इन्हीं जगहों से आ रही है। इसके अलावा गुजरात और हरियाणा में भी बहुत लोग अपने घर से दूर रहकर काम करते हैं। स्वास्थ मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के कुल 720 ज़िलों में से, केवल 132 ज़िलों में कोरोना के मरीज पाए गए हैं। तो सवाल उठता है कि क्या इसके निपटने के लिए पूरे देश को ताला लगाना ज़रूरी था या फिर केवल इन्हीं ज़िलों को अलग-थलग कर कोरोना से लड़ाई जीती जा सकती थी?
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