बेंगलुरु में ऑनलाइन पिज़्ज़ा ऑर्डर पड़ा महंगा, 95 हज़ार की हुई ठगी
आज के इस हाईटेक युग में हर कोई हाईटेक होता जा रहा है. मोबाइल फोन से ऑर्डर कर खाने-पीने के शौकिन लोग कई फूड एप डाउनलोड करते हैं और जिसकी वजह से वो अक्सर ठगी का शिकार भी हो जाते हैं. बेंगलुरु के कोरामंगला के रहने वाले एक शख्स को ऑनलाइन पिज़्ज़ा ऑर्डर करना महंगा पड़ गया. ऑनलाइन जालसाजों ने कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव बनकर 95 हजार ठग लिये।
एक दिसंबर को शख्स ने पिज़्ज़ा ऑर्डर करने के लिए ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी एप ओपन किया पिज़्ज़ा ऑर्डर किया जब काफी देर तक पिज़्ज़ा नहीं पहुंचा तो शख्स ने इंटरनेट से नंबर निकाल कर फोन किया. जिसके बाद जवाब आया कि आपको एक लिंक सेंड कर रहे हैं. उसे भर के भेज दें आपके पैसे वापस आ जाएंगे. लेकिन पैसे आने के बजाए 95 हज़ार रुपए अकाउंट से निकल गए. जिसके बाद उस व्यक्ति ने इसकी शिकायत साइबर क्राइम सेल में की है. ऑनलाइन ठगी का ये कोई ऐसा पहला मामला नहीं है इससे पहले भी ऑनलाइन ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं.
एनसीआरबी ने साल 2015-2017 के जारी अपने आंकड़ों में बताया था कि इन तीन साल में 45 हजार 705 साइबर क्राइम हुए हैं. साल 2015 में 11 हजार 331 साइबर क्राइम हुए थे। साल 2016 में 12 हजार 187 और 2017 में 21 हजार 593 क्राइम हुए. आंकड़ों पर नज़र डालें तो साइबर क्राइम के मामलों में कमी होने के बजाय बढ़ोत्तरी हुई है. लेकिन इन पर लगाम लगना तो दूर. बल्कि ऑनलाइन ठगी करने वालों के हौसलें बुलंद होते जा रहे हैं. और ठगी रोकने के लिए नये कानून बनाने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऑनलाइन व्यवहार की जानकारी की कमी की वजह से ऐसे अपराध हो रहे हैं.
एनसीआरबी ने साल 2015-2017 के जारी अपने आंकड़ों में बताया था कि इन तीन साल में 45 हजार 705 साइबर क्राइम हुए हैं. साल 2015 में 11 हजार 331 साइबर क्राइम हुए थे। साल 2016 में 12 हजार 187 और 2017 में 21 हजार 593 क्राइम हुए. आंकड़ों पर नज़र डालें तो साइबर क्राइम के मामलों में कमी होने के बजाय बढ़ोत्तरी हुई है. लेकिन इन पर लगाम लगना तो दूर. बल्कि ऑनलाइन ठगी करने वालों के हौसलें बुलंद होते जा रहे हैं. और ठगी रोकने के लिए नये कानून बनाने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऑनलाइन व्यवहार की जानकारी की कमी की वजह से ऐसे अपराध हो रहे हैं.
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