कोरोनिल पर पतंजलि को फिर झटका, अब जयपुर के संस्थान ने पल्ला झाड़ा

by Ankush Choubey 3 years ago Views 2031

Patanjali shocks again on coronil, now Jaipur inst
योग गुरू बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को कोरोना की दवा बना लेने का दावा करने पर बार-बार झटका लग रहा है. इस विवादित दवा कोरोनिल से अब जयपुर की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी ने भी पल्ला झाड़ लिया है. पतंजलि का दावा है कि कोरोना पीडि़तों पर दवा का ट्रायल इसी संस्थान में किया गया है. मगर संस्थान के चेयरमैन डॉ.बीएस तोमर ने बाबा रामदेव के ट्रायल वाले दावे को ग़लत बताया. उन्होंने कहा कि अस्पताल ने इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में अश्वगंधा, गिलोय और तुलसी का प्रयोग किया था मगर यह सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए था, नाकि कोरोना की दवा बनाने के लिए.

डॉक्टर तोमर ने कहा कि उनके ट्रायल की फाइंडिंग को आए महज़ दो दिन हुए थे और बाबा रामदेव ने कोरोना की दवा बनाने का दावा कर दिया. उन्होंने कहा कि यह बाबा रामदेव ही इस बात जा जवाब दे सकते है कि दो दिन में उन्होंने दवा कैसे बना ली. डॉक्टर तोमर ने यह भी कहा कि उन्हें यह भी नहीं पता कि बाबा रामदेव ने शतप्रतिशत इलाज का दावा कैसे किया है.


राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा ने विभागीय अधिकारियों से कहा है कि आइसीएमआर और सरकार की इजाज़त के बिना तैयार की गई दवा ग़ैरक़ानूनी है और इसलिए प्रदेश में कहीं भी पतंजलि की इस दवा की बिक्री नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कोरोनिल की बिक्री नहीं हो, इसके लिए जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारिओं को निगरानी के आदेश भी दिए हैं।

वहीं पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने कोरोनिल के निर्माण में सभी प्रक्रियाओं का पालन किया है। इस दवा में इस्तेमाल किए गए कपाउंड के आधार पर ही लाइसेंस के लिए आवेदन दिया था। क्लीनिकल ट्रायल के नतीजों को भी हमने लोगों के सामने रखा है। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने लाइसेंस प्राप्त करते समय कुछ भी गलत नहीं किया है। साथ ही दवा का विज्ञापन नहीं किया, बस लोगों को दवा के प्रभावों के बारे में बताने की कोशिश की है।

फिलहाल राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार ने पतंजलि की दवा के प्रचार प्रसार और बिक्री पर रोक लगा रखी है. कई अन्य राज्य भी इसपर पाबंदी की तैयारी कर रहे हैं.

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